Tuesday, May 21, 2024
बस्ती मण्डल

एनडीपीएस मामले में 8 साल बाद मिला न्यायः आरोपी दोष मुक्त

बस्ती। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, के अध्यक्ष , जिला जज, कुलदीप सक्सेना के दिशा निर्देशन तथा अपर जिला जज, सचिव रजनीश मिश्रा के मार्गदर्शन में गरीब व कमजोर वर्ग के लोगों को निःशुल्क न्याय दिलाने के लिए स्थापित लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के द्वारा पाँच माह में एन०डी०पी०एस० के मामले में आरोपी अभियुक्त अवधेश कुमार पुत्र पारसनाथ निवासी सरायघाट थाना कोतवाली को एफ०टी०सी० प्रथम विजय कटियार ने दोषमुक्त कर दिया है।
इस मामले की पैरवी लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के डिपटी चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल शैलजा कुमार पाण्डेय द्वारा की गयी। चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल कौशल किशोर श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि अरोपी अभियुक्त अवधेश कुमार को 01-09-2015 को छावनी के तत्कालीन थानाध्यक्ष रवीन्द्र कुमार गौतम तथा स्वाट प्रभारी श्री प्रदीप कुमार सिंह उप निरीक्षक आरक्षी आनंद प्रकाश यादव, आरक्षी अरविन्द यादव, आदित्व पाण्डेय, मनीन्द्र प्रदाप चन्द, आरक्षी अजय आरक्षी दिलीप कुमार, आरक्षी अजय यादव, आरक्षी अमित पाठक, आरक्षी मनोज गौतम चालक सदानन्द के द्वारा छावनी थाना क्षेत्र के राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित गाँव भदोई के पास वाहन चेकिंग के दौरान तलाशी लिये जाने पर दो सौ रूपये नगद तथा मोटर साइकिल की डिक्की में रखा काले रंग की पन्नी में रखा वस्तु मिला था। पन्नी को खोलने पर छः अदद सिलीनुमा मादक पदार्थ भूरे रंग का रंग एवं गंध से नेपाली चरस लग रहा था जिसका वजन करने पर 1 किलो 600 ग्राम पाया गया। पुलिस ने आरोपी अभियुक्त को एन०डी०पी०एस० एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया। घटना के सम्बन्ध में तत्कालीन थानाध्यक्ष आर० के० गौतम ने छावनी थाने में अपराध एन०डी०पी०एस० अधिनियम के तहत पंजीकृत कराया था। विवेचना अधिकारी, उपनिरीक्षक आलोक राय के द्वारा विवेचना के बाद न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत किया। विचारण के दौरान आरोपी अभियुक्त के पास निजी अधिवक्ता न होने के कारण न्यायालय में पैरवी के लिए निःशुल्क अधिवक्ता हेतु आवेदन किया था।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अपर जिला जज , सचिव के आदेश पर मुकदमें की पैरवी लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के द्वारा शुरू की गयी। अभियोजन पक्ष ने मुकदमें से सम्बन्धित पाँच साक्षियों व बरामद सामान को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। साक्षियों की जिरह बचाव पक्ष के अधिवक्ता द्वारा की गयी। आरोपी अभियुक्त ने न्यायालय में दिये गये बयान में घटना से इंकार करते हुए रंजिश के कारण पुलिस द्वारा झूठे मुकदमें में फसाये जाने की बात बताई। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद आरोपी अभियुक्त अवधेश कुमार को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया। न्यायालय ने जेल अधीक्षक को आदेश दिया कि आरोपी अभियुक्त यदि किसी अन्य मामले में बाँछित न हो तो उसे रिहा कर दिया जाए। इस मामले में असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल नितीश कुमार श्रीवास्तव, सुश्री दीप्ति पाण्डेय ने भी सहयोग किया। चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल कौशल किशोर श्रीवास्तव ने बताया कि रिमाण्ड जमानत व विचारण के स्तर पर ऐसे अभियुक्तों को जिनके पास आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण निजी अधिवक्ता नहीं हैं, उन्हें निःशुल्क न्यायालय में बचाव प्रस्तुत करने के लिए निःशुल्क विधिक सहायता दी जा रही है।