Saturday, May 18, 2024
हेल्थ

नक्स वोमिका (Poison Nut) होमियोपैथी औषधि

हेल्थ। जो लोग गलत लोगों के हाथों में पड़कर अपने स्वास्थ्य को बर्बाद कर लेते है उनके लिए नक्स वोमिका औषधि बहुत ही उपयोगी साबित होती है। इसके अलावा ऐसे लोग जो जरा-जरा सी बातों में गुस्से होने लगते है, दूसरे लोगों से जलने लगते हैं आदि इस तरह के मानसिक रोगों में भी औषधि लाभकारी सिद्ध होती है।
विभिन्न रोगों के लक्षणों के आधार पर नक्स वोमिका #औषधि का उपयोग-
#मन से सम्बंधित लक्षण- रोगी का बहुत ज्यादा चिड़चिड़ा हो जाना, किसी से ढंग से बात न करना, रोशनी में आते ही डरने लग जाना, किसी के जरा सा भी छूने से डरने लगना, रोगी का समय बीत न पाना, दूसरों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करना, हर समय दूसरों की बुराई करते रहना आदि मानसिक रोगों के लक्षणों में रोगी को नक्सवोमिका औषधि देने से लाभ होता है।
#सिर से सम्बंधित लक्षण- सिर के पीछे के हिस्से में दर्द होना, आंखों के ऊपर दर्द महसूस होना, सिर के घूमने के कारण चक्कर आना, हर समय बेहोशी सी छाई हुए रहना, सुबह के समय, दिमागी काम करने से, नशीले पदार्थों का सेवन करने से, कॉफी पीने से, खुली हवा में सिर का दर्द तेज हो जाना, कपाल के ऊपर के भाग में इस तरह का दर्द होना जैसे कि कोई कील घुसेड़ रहा हो, सिर में खून जमा होने के कारण दर्द होना, बहुत तेज धूप में निकलते ही सिर में दर्द होना, भोजन करने के बाद सिर में दर्द सा महसूस होना जैसे लक्षणों के आधार पर नक्सवोमिका औषधि काफी उपयोगी साबित होती है।
#आंखों से सम्बंधित लक्षणं- रोगी के रोशनी में आते ही आंखों का बंद हो जाना, आंखों के अन्दर के कोणों में चीस सी मारती हुई महसूस होना, आंखों से हर समय पानी सा निकलते रहना, निम्न अक्षिगहर का स्नायुशूल, नशीले पदार्थो का सेवन करने से अक्षिस्नायु का शोष, आंखों की पेशियों का आंशिक पक्षाघात, नेत्रकोटकों में फड़कन जो सिर के पीछे के हिस्से में फैल जाता है, अक्षितन्त्रिकाशोथ आदि आंखों के रोगों के लक्षणों में रोगी को नक्सवोमिका औषधि का सेवन कराना लाभदायक रहता है।
#कान से सम्बंधित लक्षण- कम्बुकर्णीनली से होकर कान में होने वाली खुजली, कान की नली का सूखना और नाजुक होना, कान में दर्द जो सोने से और तेज हो जाता है, कान की तन्त्रिकाओं की अतिसंवेदिता, ज्यादा शोर-शराबे के कारण कान में दर्द सा हो जाना आदि लक्षणों में रोगी को नक्स वोमिका औषधि का उपयोग करना काफी उपयोगी साबित होता है।
#नाक से सम्बंधित लक्षण- रात को सोते समय रोगी की नाक का बंद हो जाना, ज्यादा ठण्डी हवा लगने के कारण नाक बंद हो जाना और दम सा घुटता हुआ महसूस होना, किसी तरह की गंध महसूस होने से बेहोशी छा जाना, सर्दी-जुकाम होने के कारण नाक से पानी आते रहना, सुबह के समय नाक से खून का निकलते रहना, नाक के बंद होने के साथ तीखा सा स्राव होना आदि लक्षणों में रोगी को नक्स वोमिका औषधि का सेवन कराना लाभदायक रहता है।
#सांस से सम्बंधित लक्षण- रोगी को सूखी स्नायविक उदासी लाने वाली खांसी, बिस्तर पर लेटने के बाद शरीर के गर्म हो जाने पर खांसी शुरू हो जाना, बाहर से एकदम गर्मी से आने पर नहाने से, ज्यादा ठण्डी हवा में रहने से खांसी होने लगती है, भोजन करने के बाद या कुछ पीने के बाद खांसी शुरू हो जाना, स्त्री को गर्भाकाल के दौरान खांसी होना, आदि लक्षणों में रोगी को नक्स वोमिका औषधि का प्रयोग कराने से आराम मिलता है।
#मुंह से सम्बंधित लक्षण- जबड़ों का सिकुड़ जाना, मुंह के छोटे-छोटे से छाले हो जाना, लार के साथ खून का आना, जीभ के सामने का भाग बिल्कुल साफ नज़र आना लेकिन पीछे के भाग में गाढ़ा सा लेप छाए हुए रहना, दांतों में दर्द सा होना जो पदार्थों को पीने से ज्यादा दर्द होता है, मसूढ़ों का सूज जाना आदि मुंह के रोगों के लक्षणों में रोगी को नक्स वोमिका औषधि देने से आराम मिलता है।
#गले से सम्बंधित लक्षण- सुबह के समय जागने पर गले में सुरसुराहट होना, गला के अन्दर ऐसा महसूस होना जैसे कि किसी ने गले को खुरेंच दिया हो, भोजन करने की नली का सिकुड़ जाना, गले के अन्दर की टांसिल का सूज जाना, कानों में किसी चीज के चुभने जैसा दर्द होना आदि लक्षणों के आधार पर रोगी को नक्स वोमिका औषधि का प्रयोग कराना लाभदायक रहता है।
#आमाशय से सम्बंधित लक्षण- मुंह का स्वाद खट्टा सा होना, सुबह के समय भोजन करने के बाद जी का मिचलाना, आमाशय का भारी सा लगने के साथ दर्द होना, पेट का फूल जाना, मुंह के अन्दर पानी का ज्यादा बनना, खट्टी और कड़वी डकारें आना, जी मिचलाने और उल्टी होने के साथ बहुत ज्यादा उबकाइयां आना, बहुत तेज भूख लगना, उत्तेजक पदार्थों का सेवन करने का मन करना, तेज कॉफी पीने के कारण बदहजमी का रोग हो जाना, रोगी को ऐसा लगता है जैसे उसे उल्टी हो रही हो लेकिन उसे उल्टी नहीं आती। इस तरह के लक्षणों में रोगी को नक्स वोमिका औषधि का प्रयोग कराना उपयोगी रहता है।
#पुरुष रोगों से सम्बंधित लक्षण- अचानक यौन उत्तेजना का तेज होना, स्त्रियों के साथ ज्यादा संभोगक्रिया करने के कारण वीर्य की कमी हो जाना, ज्यादा संभोगक्रिया करने के कारण रोग होना, अण्डकोषों में सिकुड़न के साथ दर्द होना, अण्डकोष में सूजन आना, स्वप्नदोष होना, पीठ में दर्द होना, रीढ़ की हड्डी में जलन होना, रोगी को कमजोरी और चिड़चिड़ापन आना आदि लक्षणों के आधार पर रोगी को नक्स वोमिका औषधि देने से लाभ मिलता है।
#स्त्री रोगों से सम्बंधित लक्षण- स्त्रियों का मासिकस्राव समय से पहले आ जाना और काफी समय तक आते रहना, गर्भाशय का छिल जाना, मासिकधर्म का कष्ट के साथ आना, त्रिकास्थि में दर्द और मलक्रिया की इच्छा होना, बार-बार पेशाब का आना, यौन उत्तेजना का बहुत तेज होना, खूनी प्रदर (योनि में से पानी आना) होने के साथ ही मलत्याग होने जैसा महसूस होना, निष्फल प्रसव वेदना जो मलान्त्र तक फैल जाती है आदि स्त्री रोगों के लक्षणों में रोगी को नक्स वोमिका औषधि का सेवन कराने से लाभ होता है।
पीठ से सम्बंधित लक्षण- कमर में बहुत तेजी से दर्द का होना, रीढ़ की हड्डी में जलन सी महसूस होना जो रात को 3 बजे से 4 बजे तक ज्यादा होता है, ग्रीवाप्रगण्ड प्रदेशीय स्नायुशूल जो छूने से ज्यादा होता है, सोते समय करवट बदलने के लिए उठकर बैठना पड़ता है, स्कंधफलकों के नीचे कुचल जाने जैसा दर्द होना, बैठने पर दर्द होना जैसे लक्षणों में रोगी को नक्स वोमिका औषधि का प्रयोग कराना लाभकारी रहता है।
#शरीर के बाहरी अंगों से सम्बंधित लक्षण- रोगी के हाथ और बाजू सो जाते हैं, बांहों का आंशिक पक्षाघात के साथ झटके लगना, टांगों के सुन्न हो जाने के कारण रोगी को ऐसा लगता है जैसे कि उसे लकवा मार गया हो, पिण्डलियों और तलुवों में जलन होना, चलते समय घुटनों में कड़कड़ाहट होना और पैरों को घसीटकर चलना, सुबह के समय पैरों और बांहों में अचानक कमजोरी आ जाना महसूस होना आदि लक्षणों में रोगी को नक्स वोमिका औषधि देना बहुत उपयोगी होता है।
#नींद से सम्बंधित लक्षण- रोगी को रात के 3 बजे से सुबह तक नींद का न आना, सुबह के समय जागने पर रोगी खुद को बहुत दुखी मानता है, सोने के बाद दौड़-धूप और व्यस्तताओं के सपने आना, थोड़ी देर सोने के बाद, न जगाने पर आराम आदि लक्षणों के आधार पर रोगी को नक्स वोमिका औषधि देने से लाभ मिलता है।
#बुखार से सम्बंधित लक्षण- बुखार के लक्षणों में रोगी को सबसे पहले ठण्ड लगनी लगती है, बहुत ज्यादा ठण्ड लगने के साथ ही रोगी के नाखून भी नीले पड़ जाते है, पूरा बदन टूटा-टूटा सा लगना, बुखार आने पर कभी तो रोगी को इतनी ठण्ड लगती है कि वह चाहता है कि उस पर बहुत सारे कपड़े डाल दिये जाए और कभी इतनी गर्मी लगती है कि वह अपने शरीर के सारे कपड़े हटा देता है, शरीर के एक ओर खट्टा पसीना आता है आदि लक्षणों के आधार पर रोगी को नक्स वोमिका औषधि का सेवन कराने से लाभ होता है।
#चर्म (त्वचा) से सम्बंधित लक्षण- चर्मरोगों के लक्षणों में रोगी को अपना शरीर जलता हुआ सा महसूस होता है खासकर से चेहरा फिर भी वह बिना कपड़ों के नहीं रह सकता, चेहरे के मुहांसे, त्वचा पर छोटे-छोटे से लाल-लाल दाने निकलना, पेट के खराब होने के कारण निकलने वाली छपाकी। इन लक्षणों के रोगी में नज़र आने पर अगर उसे नक्स वोमिका औषधि दी जाए तो काफी लाभ होता है।
#वृद्धि-
दिमागी मेहनत करने से, सुबह के समय, भोजन करने के बाद या ज्यादा भोजन करने से, किसी तरह की हरकत करने से, जरा सा छूने से, खुली हवा में, खुश्क मौसम में, ज्यादा शोर-शराबे से, गुस्सा करने से, ज्यादा तेज मसालों से, नशा करने से, ठण्डी हवा से रोग बढ़ जाता है।
#शमन-
शाम के वक्त, स्थिर रहने से, लेटने से और भीगे मौसम में रोग कम हो जाता है।
#पूरक-
सल्फर, सीपि।
#प्रतिकूल-
जिंक।
#तुलना-
नक्स वोमिका औषधि की तुलना स्ट्रिकूनिया, काली-कार्बो, हाइड्रै, ब्रायो, लाइको, ग्रैफाइ से की जा सकती है।
#प्रतिविष-
काफि, इग्ने, काक्कूल औषधियों का उपयोग नक्स वोमिका औषधि के हानिकारक प्रभाव को नष्ट करने के लिए किया जाता है।
#मात्रा-
नक्स वोमिका औषधि रोगी को उसके रोग के लक्षणों के अनुसार पहली से तीसवीं शक्ति तक और उससे ऊंची शक्ति तक देने से लाभ होता है।
#जानकारी-
अगर नक्स वोमिका औषधि रोगी को शाम के समय दी जाए उसका असर सबसे अच्छा होता है।

-डॉ भास्कर शर्मा
सिद्धार्थनगर