Wednesday, October 9, 2024
बस्ती मण्डल

हिन्दी दिवस पर संगोष्ठी में विमर्शः सम्मानित हुई विभूतियां

बस्ती। गुरूवार को हिन्दी दिवस के अवसर पर पूर्वान्चल साहित्यिक एवं सांस्कृतिक विकास संस्थान अध्यक्ष महेन्द्र तिवारी के संयोजन में प्रेस क्लब सभागार में संगोष्ठी, काव्य गोष्ठी और सारस्वत सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
मुख्य अतिथि डॉ. रघुवंशमणि त्रिपाठी ने कहा कि सभी भाषायें महत्वपूर्ण हैं किन्तु मातृ भाषा का अपना विशेष सुख है। हिन्दी दुनियां में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है और वह अपने कमेरा वर्ग की ताकत से लगातार प्रतिष्ठित हो रही है। हिन्दी में अब ज्ञान विज्ञान की पुस्तकंें भी लगाार आ रही है, यह शुभ संकेत है।
अध्यक्षता करते हुये वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. राम नरेश सिंह मंजुल ने कहा कि संस्कृत राजमाता, हिन्दी राजरानी और अंग्रेजी नौकरानी है। नौकरानी को राजरानी बनने का प्रयास नहीं करना चाहिये। हिन्दी अब समूचे विश्व में प्रतिष्ठित हो रही है। संचालन करते हुये वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ ने हिन्दी की विकास यात्रा पर विस्तार से प्रकाश डाला।
संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुये वरिष्ठ पत्रकार दिनेश सांस्कृत्यायन ने कहा कि हिन्दी को इण्टर मीडिएट तक अनिवार्य कर दिया जाना चाहिये। उन्होने ज्ञान, विज्ञान से हिन्दी को समृद्ध करने पर जोर दिया। संगोष्ठी को डॉ. सत्यव्रत, कृष्णदेव मिश्र, आलोक त्रिपाठी, डा. कृष्ण प्रसाद मिश्र, डा. त्रिभुवन प्रसाद मिश्र, प्रदीप चन्द्र पाण्डेय, जयन्त कुमार मिश्र, पुनीत दत्त ओझा, सिद्धेश सिन्हा, अंकुर वर्मा, अरविन्द पाल, संध्या दीक्षित आदि ने सम्बोधित करते हुये हिन्दी के विकास यात्रा के विविध पक्षों पर विस्तार से प्रकाश डाला।


संगोष्ठी के क्रम में डॉ. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ ताजीर वस्तवी, विनोद कुमार उपाध्याय हर्षित, अर्चना श्रीवास्तव, हरीश दरवेश, जगदम्बा प्रसाद भावुक, सागर गोरखपुरी, रहमान अली ‘रहमान’, डा. राजेन्द्र सिंह आदि ने कविता और शायरी के माध्यम से हिन्दी दिवस के महत्ता पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर पूर्वान्चल साहित्यिक एवं सांस्कृतिक विकास संस्थान द्वारा दिनेश सांकृत्यायन, डा. रघुवंश मणि त्रिपाठी, डा. राम नरेश सिंह मंजुल, डा. त्रिभुवन प्रसाद मिश्र, कृष्णदेव मिश्र, डॉ. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’, राघवेन्द्र मिश्र, डा. सत्यव्रत द्विवेदी, डॉ. कृष्ण प्रसाद मिश्र, धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय, अजीत श्रीवास्तव ‘राज’ जगदम्बा प्रसाद भावुक, पुनीत दत्त ओझा आदि को उनके योगदान के लिये अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह, सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। आयोजक महेन्द्र तिवारी ने आगन्तुकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुये संगोष्ठी की उपादेयता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में अनुराग श्रीवास्तव, रमेश मिश्र, दिनेश कुमार पाण्डेय, अमर सोनी, राजेश पाण्डेय, अरूण कुमार, अशोक श्रीवास्तव, जिशान हैदर रिजवी, संदीप गोयल, राकेश श्रीवास्तव ‘बिन्नू’ राजेश मिश्र, लालू प्रसाद यादव, आशद मसूद, लवकुश यादव, सुमित जायसवाल, राजकुमार शुक्ल, बबुन्दर यादव, अश्विनी शुक्ल, श्याम बिहारी गौड़, राकेश गिरी, आनन्द गुप्ता, जय प्रकाश उपाध्याय, चन्द्र प्रकाश शर्मा, अरूणेश श्रीवास्तव, अमित सिंह, सलामुद्दीन कुरेशी, सर्वेश श्रीवास्तव, सुनील मिश्र के साथ ही बड़ी संख्या में समाज के विभिन्न वर्गो के जागरूक लोग उपस्थित रहे।