Tuesday, December 3, 2024
साहित्य जगत

कृष्णायन अखण्ड काव्यार्चन में देहदान की घोषणा कर चुके सुधीर श्रीवास्तव हुए शामिल

गोण्डा (उत्तर प्रदेश)::भगवान श्री कृष्ण के जीवन पर आधारित साझा महाकाव्य कृष्णायण और वृंदावन में प्रस्तावित श्री बाँके बिहारी अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव की सफलता की कामना हेतु 29-30 जुलाई 2023 को प्रथम कृष्णायण अखण्ड काव्यार्चन में जिले के वरिष्ठ कवि साहित्यकार और देहदान की घोषणा कर चुके सुधीर श्रीवास्तव ने शामिल होकर भगवान कृष्ण को अपना काव्यमय शब्दाहुति देकर नमन वंदन किया।
24 घण्टे तक अनवरत चलने वाले इस ऑनलाइन अखण्ड काव्यार्चन में देश-विदेश के 300 से अधिक रचनाकार और कलाकार शामिल होंगे। सभी राधा-कृष्ण पर अपनी स्वरचित रचना का काव्य पाठ करेंगे।
इस पावन आयोजन के संपन्न हुए छठवें सत्र में 29 जुलाई को शाम 4-5 तक मुख्य अतिथि पी.बी.कालेज, प्रतापगढ़, उ.प्र. के अवकाश प्राप्त वरिष्ठ प्रवक्ता-डॉ. विनय कुमार श्रीवास्तव ( कवि, लेखक, साहित्यकार एवं वरिष्ठ समाजसेवी) रहे। जबकि वरिष्ठ कवि/कवयित्रीगण सुधीर श्रीवास्तव, श्रीमती मनोरमा मिश्रा, प्रदीप मिश्र ‘अजनवी’, सुबोध कुमार शर्मा, प्रबल प्रताप सिंह राणा, चंद्र मोहन नीले, सीमा शर्मा मंजरी, शैलजा सिंह, तनु भार्गव ने अपनी भक्तिमय शब्दाहुतियों से माहौल को कृष्णमय कर दिया।
इस सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि साहित्यकार सुधीर श्रीवास्तव (गोण्डा), जबकि कुशल सफल संचालन युवा कवियित्री रीता सिंह (बंगलोर) ने किया।
इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी साहित्योदय चैनल पर दुनियाभर में हो रहा है,जिसे लाखों लोग देख रहे हैं। इस कार्यक्रम को वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए भी नामित किया जाएगा। इस अखण्ड काव्यार्चन में प्रख्यात गीतकार डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र, हास्य सम्राट श्री अरुण जैमिनी,अजय अंजाम, श्री बेबाक़ जौनपुरी, श्री गौरव चौहान जी, गौरी मिश्रा,श्री अमित शर्मा,डॉ. शोभा त्रिपाठी,वीणा शर्मा सागर, सरला शर्मा, प्राची मिश्रा, अनुराधा पांडेय सहित कई ख्याति व लब्धप्रतिष्ठ रचनाकारों के शामिल होने की सूचना है। साहित्योदय के संस्थापक एवं अध्यक्ष पंकज प्रियम ने बताया कि जन रामायण की अपार सफलता के बाद भगवान श्री कृष्ण के सम्पूर्ण जीवन पर 170 से अधिक रचनाकार अपनी काव्याहुति देंगे है जिसका भव्य लोकार्पण वृंदावन आयोजन में किया जाएगा। आयोजन से पूर्व 24 घण्टे का यह ऑनलाइन अखण्ड काव्यार्चन किया जा रहा है।
जिसमें देश-विदेश के सैकड़ों से अधिक रचनाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी। इससे पूर्व 6-7 दिसम्बर 2021 को करीब 30 घण्टे का जन रामायण अखण्ड काव्यार्चन किया गया था जिसे वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया था। गत वर्ष 19-20 नवंबर को अयोध्या में जन रामायण साहित्य महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि सामान्य विषयों पर तो सभी गीत ग़ज़ल लिखते हैं लेकिन साहित्योदय ने भारत की समृद्ध सभ्यता, संस्कृति, राष्ट्रधर्म और वेद-पुराणों पर अपनी साहित्यधर्मिता निभाने का कार्य किया है। आज भटकी हुई युवा पीढ़ी और भारत के भविष्य को अपनी पुरातन संस्कृति से जोड़ने, उसपर अध्ययन तथा नव सृजन कराना साहित्योदय का मुख्य उद्देश्य है। गौरतलब है कि साहित्योदय विगत 5 वर्षों से साहित्य कला और संस्कृति पर अभूतपूर्व कार्य कर रहा है। कोरोना काल को सृजन काल में परिवर्तित कर साहित्य सृजन को एक नया आयाम देने का काम किया है। अबतक हजारों नवोदित रचनाकारों को वैश्विक मंच प्रदान करने के साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर और उपेक्षित कलमकारों की उत्कृष्ट रचनाओं का प्रकाशन किया है। साहित्योदय प्रकाशन से अबतक एक दर्जन से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन भी हो चुका है। अगले 10 वर्षो में साहित्योदय की कई महत्वपूर्ण कुछ योजनाओं पर कार्य चल रहा है।
आयोजन को सफल बनाने में संजय, करुणेश, किशोरी भूषण, सीमा सिन्हा, सुरेंद्र उपाध्याय, रजनी शर्मा, भारती यादव सहित पूरा साहित्योदय परिवार समर्पित रहा।