Saturday, May 18, 2024
बस्ती मण्डल

कलाम पूजन का कार्यक्रम सम्पन्न

बस्ती।आज दिनाँक 16 नवम्बर को चित्रगुप्त मंदिर बस्ती में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के जिला अध्यक्ष दिलीप श्रीवास्तव की अध्यक्षता में कलम पूजन का एक आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मनमोहन श्रीवास्तव काजू उपस्थित रहे। मनमोहन श्रीवास्तव काजू ने लोगो को कलम पूजन के इतिहास के लिए बारे में बताया उन्होंने कहाँ की
जब भगवान राम के राजतिलक में निमंत्रण छुट जाने से नाराज भगवान् चित्रगुप्त ने रख दी थी कलम !! उस समय परेवा काल शुरू हो चुका था
परेवा के दिन कायस्थ समाज कलम का प्रयोग नहीं करते हैं यानी किसी भी तरह का का हिसाब – किताब नही करते है आखिर ऐसा क्यूँ है ?
कि पूरी दुनिया में कायस्थ समाज के लोग दीपावली के दिन पूजन के बाद कलम रख देते है और फिर यमदुतिया के दिन कलम- दवात के पूजन के बाद ही उसे उठाते है I
कहते है जब भगवान् राम दशानन रावण को मार कर अयोध्या लौट रहे थे, तब उनके खडाऊं को राजसिंहासन पर रख कर राज्य चला रहे राजा भरत ने गुरु वशिष्ठ को भगवान् राम के राज्यतिलक के लिए सभी देवी देवताओं को सन्देश भेजने की व्यवस्था करने को कहा I गुरु वशिष्ठ ने ये काम अपने शिष्यों को सौंप कर राज्यतिलक की तैयारी शुरू कर दीं I
ऐसे में जब राज्यतिलक में सभी देवीदेवता आ गए तब भगवान् राम ने अपने अनुज भरत से पूछा भगवान चित्रगुप्त नहीं दिखाई दे रहे है इस पर जब खोज बीन हुई तो पता चला की गुरु वशिष्ठ के शिष्यों ने भगवान चित्रगुप्त को निमत्रण पहुंचाया ही नहीं था जिसके चलते भगवान् चित्रगुप्त नहीं आये I इधर भगवान् चित्रगुप्त सब जान चुके थे और इसे प्रभु राम की महिमा समझ रहे थे । फलस्वरूप उन्होंने गुरु वशिष्ठ की इस भूल को अक्षम्य मानते हुए यमलोक में सभी प्राणियों का लेखा जोखा लिखने वाली कलम को उठा कर किनारे रख दिया I
सभी देवी देवता जैसे ही राजतिलक से लौटे तो पाया की स्वर्ग और नरक के सारे काम रुक गये थे , प्राणियों का का लेखा जोखा ना लिखे जाने के चलते ये तय कर पाना मुश्किल हो रहा था की किसको कहाँ भेजे I
तब गुरु वशिष्ठ की इस गलती को समझते हुए भगवान राम ने अयोध्या में भगवान् व को अनिवार्यत: श्री धर्म-हरि जी के दर्शन करना चाहिये, अन्यथा उसे इस तीर्थ यात्रा का पुण्यफल प्राप्त नहीं होता।
गुरु वशिष्ठ के साथ जाकर भगवान चित्रगुकलम दवात की पूजा करने के पश्चात उसको उठाया और प्राणियों का लेखा जोखा लिखने का कार्य आरम्भ किया तभी से कायस्थ दीपावली की पूजा के पश्चात कलम को रख देते हैं और यमदुतिया के दिन भगवान चित्रगुप्त का विधिवत कलम दवात पूजन करके ही कलम को धारण करते है
तभी से कायस्थ ब्राह्मणों के लिए भी पूजनीय हुए और इस घटना के पश्चात मिले वरदान के फलस्वरूप सबसे दान लेने वाले ब्राह्मणों से दान लेने का हक़ सिर्फ कायस्थों को ही है। इसी क्रम में हम कायस्थ समाज के लोग भी कलम पूजन यमद्वितीया वे दिन करते है कार्यक्रमके मुख्य रूप से आशीष श्रीवास्तव,विनय प्रकाश श्रीवास्तव, हर्षित श्रीवास्तव अखिल भारतीय कायस्थ महासभा यूथ के जिलाध्यक्ष ऋषभ श्रीवास्तव अमितेश श्रीवास्तव राकेश श्रीवास्तव सुरेंद्र मोहनवर्मा , अंकुर वर्मा , राजू श्रीवास्तव , सीताराम श्रीवास्तव सहित कई लोग उपस्थिति रहे।