Monday, July 1, 2024
हेल्थ

जनजागरूकता और स्वच्छता से संचारी रोगों को कर सकते हैं समाप्‍त

संतकबीरनगर, 1 जुलाई 2023। जनजागरूकता और स्वच्छता व्यवहार के जरिये संक्रामक बीमारियों से बचाव का एक माह का विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान जिले में शुरू हो गया है । इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग के साथ पंचायती राज विभाग, नगर निकाय विभाग, पशुपालन, आईसीडीएस और कृषि विभाग समेत विभिन्न सहयोगी विभाग और संस्थाएं एक साथ मिल कर बीमारियों से बचाव के कदम उठाएंगी । इसी दौरान 17 जुलाई से 31 जुलाई तक आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की टीम घर घर जाकर बुखार, कोविड, कुपोषित बच्चों, टीबी, फाइलेरिया और कुष्ठ के मरीजों की सूची बनाएंगी । सांसद प्रतिनिधि इंजीनियर सुधांशु सिंह, एसीएमओ वेक्‍टर बार्न डिजीजी कंट्रोल प्रोग्राम डॉ वी पी पांडेय, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एस डी ओझा समेत अन्‍य ने मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी कार्यालय से प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखा कर शनिवार को अभियान का शुभारम्भ किया ।

शुभारम्भ कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुए सांसद प्रतिनिधि ने कहा कि स्वच्छता से ही बीमारियों से बचाव होगा और इस कार्य में अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका हैं । स्वास्थ्य कार्यकर्ता जन जन तक संदेश पहुंचाए कि सफाई के सभी उपाय करके ही लोग बीमारियों से बच सकते हैं। लोगों के जीवन की रक्षा करने में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका है और सभी को समुदाय के विश्वास पर खरा उतरना है । सांसद प्रतिनिधि ने लोगों को संचारी रोगों से बचाव की शपथ भी दिलाई।

इस अवसर पर एसीएमओ वेक्‍टर बार्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम डॉ वी पी पांडेय ने कहा कि पहले इस क्षेत्र में इंसेफेलाइटिस के कारण बड़ी संख्या में बच्चों को जान गंवानी पड़ती थी, लेकिन जब से स्वच्छता व्यवहार अपनाया गया और लोग जागरूक हुए तो यह बीमारी खत्म होने लगी है । सरकार ने सभी सरकारी अस्पतालों पर बुखार के इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई है जिससे लोगों को घर के नजदीक त्वरित इलाज मिल रहा है । यह जानकारी जन जन तक पहुंचाई जानी चाहिए ।

जिला महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ मुबारक अली ने कहा कि एक माह का अभियान मौसम की दृष्टि से और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि बरसात के बाद मच्छरों का प्रकोप बढ़ेगा । लोगों तक यह संदेश पहुंचाना है कि नालियों में पानी जमा न होने दें, झाड़ियों की सफाई करें, घर में भी कहीं साफ पानी जमा न होने दें, हाथों की स्वच्छता का ध्यान रखें, शौचालय का प्रयोग करें, बच्चों को भी स्वच्छता व्यवहार सिखाएं और किसी भी प्रकार का बुखार हो तो अस्पताल के चिकित्सक से ही इलाज कराएं । बुखार के लक्षण दिखने पर आशा कार्यकर्ता की मदद से या स्वयं 108 नंबर एम्बुलेंस पर फोन कर उसके साथ ही अस्पताल जाएं । अपने मन से दवा का सेवन नहीं करना है । जिले के सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र हैसर बाजार, नाथनगर, मेंहदावल, सांथा, बेलहरकला, सेमरियांवा में भी वहां के अधीक्षकगण ने रैली निकालकर तथा स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों व आशा कार्यकर्ताओं को शपथ दिलाकर इस अभियान का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर एसीएमओ डॉ वी के सोनी, एसीएमओ डॉ आर पी मौर्या, यूनीसेफ के जिला समन्‍वयक रितेश सिंह, पाथ संस्‍था की जिला समन्‍वयक संचारी रोग संतोषी कुमारी, मलेरिया इंस्पेक्टर अतिन श्रीवासतव, सीमा, दीपक यादव व सहयोगी विभागों के प्रतिनिधिगण भी मौजूद रहे ।

पांच सूचकांकों में बेहतर प्रदर्शन

यूनीसेफ के जिला समन्‍वयक रितेश कुमार सिंह ने बताया कि अप्रैल में चले अभियान के दौरान जिले ने पांच सूचकांकों में राज्य के मानकों के अनुसार बेहतर प्रदर्शन किया है । मॉनीटरिंग डेटा के अनुसार आशा कार्यकर्ताओं ने 89 प्रतिशत घरों का सर्वे किया। 78 प्रतिशत गांवों में नालियों की सफाई की गई, 85 प्रतिशत घरों में शौचालय पाए गये। 56 प्रतिशत घरों में आंगनबाड़ी ने गृह भ्रमण किया। मुख्य विकास अधिकारी के दिशा निर्देशन में ब्लॉक और जिला स्तरीय बैठकों में सभी सूचकांकों को और भी बेहतर करने की योजना बनी है । इस साल जेई व एईएस से किसी की मृत्यु नहीं हुई है।

बुखार के रोगियों पर रखनी है नजर

गौरापार की आशा कार्यकर्ता सुनीता ने बताया कि एक माह के अभियान के दौरान हमे बुखार के रोगियों की विशेष तौर पर निगरानी करनी है । अगर कोई मरीज मिलता है तो उसे एम्बुलेंस से स्वास्थ्य केंद्र भिजवाना है । लोगों को जागरूकता का संदेश देना है। दस्तक पखवाड़े के दौरान अत्यधिक मच्छर वाले इलाकों की सूची भी बना कर विभाग को दी जाती है जिसके बाद वहां मच्छरनिरोधी गतिविधियां संचालित की जाती हैं ।