Monday, July 1, 2024
बस्ती मण्डल

स्कूलों में छापेमारी, नियमित संचालन के बारे में पड़ताल

बस्ती। बीएसए जगदीश शुक्ल ने दो नवंबर से स्पेशल ऑपरेशन की शुरूआत कर दी। एक दिन और डेढ़ दर्जन टीमों को टास्क देकर एक साथ कुछ घंटों के भीतर सदर व नगर क्षेत्र के सभी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों की जांच करा दी। इन औचक छापेमारी अभियान में 108 स्कूलों को चेक किया गया। नगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय पुराना डाकखाना समेत चार परिषदीय स्कूलों में ताला लटकता मिला, जबकि 70 प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक, शिक्षामित्र और अनुदेशक गैरहाजिर मिले। एक सप्ताह के भीतर अनुपस्थित होने का स्पष्टीकरण न देने पर विभागीय कार्यवाही का अल्टीमेटम दिया गया है।

बीएसए के साथ ही डेढ़ दर्जन टीमों ने सभी परिषदीय स्कूलों में जांच के दौरान कम्पोजिट ग्रांट से ऑपरेशन कायाकल्प में किए गए काम की हकीकत जानी। दीक्षा एप व लर्निंग आउटकम से संबंधित क्रियाकलाप की जानकारी ली। छात्र नामांकन संग ऑनलाइन क्लास व उसके नियमित संचालन के बारे में पड़ताल की। निर्धारित फार्मेट पर सभी स्कूलों की प्रगति की रिपोर्ट टीमों ने बीएसए कार्यालय को सौंप दी है। बंद स्कूलों के प्रधानाध्यापकों से जवाब तलब करने के साथ ही स्कूल टाइम में गायब मिले सत्तर प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक, शिक्षामित्र और अनुदेशकों को बीएसए ने एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। साथ ही निरीक्षण के दौरान मिली खामियों को दूर कर फोटोग्राफ के साथ एक सप्ताह के भीतर बीएसए कार्यालय को उपलब्ध कराने का अल्टीमेटम दिया गया है।

खामियों पर वार्डेन का रोका मानदेय

बीएसए जगदीश शुक्ल ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय कुदरहा को निरीक्षण किया। इस दौरान कस्तूरबा विद्यालय के दीवार का प्लास्टर गिरता मिला। किचेन में फाटक नहीं लगा मिला। टायलेट में दरवाजा नहीं लगा है और प्रयोग लायक भी नहीं दिखा। कमरे में खिड़की के फाटक व जाली नहीं लगे थे। जल निगम स्तर से बनी वाटर सप्लाई तीन महीने से बंद मिली। विद्यालय में लगा हैंडपंप दूषित पानी दे रहा है। इसके साथ विद्यालय में टूटे हुए तख्त और खराब अलमारी को विद्यालय के बाहर परिसर में रखा देख बीएसए ने नाराजगी जताई। बीएसए ने तीन दिनों के भीतर पिछले वर्षों में कराए गए कार्य के बिल बाउचर तलब किया है। खामियों को देखते हुए वार्डेन रंजना राज का मानदेय रोकने का आदेश दिया है। बीएसए ने कस्तूरबा बहादुरपुर का भी निरीक्षण किया। उन्होंने निरीक्षण में मिली कमियों को 15 दिनों के अंदर ठीक कराने का निर्देश दिया।