Saturday, May 18, 2024
हेल्थ

एबीडीएम से जोड़े जाएंगे निजी डायग्नोस्टिक और पैथालाजी सेंटर

गोरखपुर, गोरखपुर और बस्ती मंडल के निजी डायग्नोसिट्क व पैथालाजी सेंटर्स को आयुष्मान भारत डिजीटल मिशन (एबीडीएम) से जोड़ने की पहल हुई है । इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से दोनों मंडलों के डेढ़ सौ से अधिक पैथोलॉजिस्ट, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, डायग्नोस्टिक लैब संचालकों और इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैथोलॉजिस्ट एंड माइक्रोबायोलॉजिस्ट (आईएपीएम) के प्रतिनिधियों का संवेदीकरण शहर के एक निजी होटल में शनिवार की शाम को किया गया।

कार्यशाला का शुभारम्भ प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने किया। उन्होंने कार्यशाला को सम्बोधित करते हुये स्वास्थ्य सेवा सुदृढ़ करने की इस पहल को सफल बनाने की अपील की।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के अधिकारी नीलरतन और डॉ मोहित सिंह ने प्रतिभागियों को मिशन के बारे में विस्तार से जानकारी दी और इसके तहत पंजीकरण करवाने के तकनीकी पक्ष के बारे में भी बताया । प्रतिभागियों को बताया गया कि इस मिशन के तहत पंजीकरण करवाने से उनका एक्सपोजर भी बढ़ेगा और साथ ही मरीजों को त्वरित, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण जांच रिपोर्ट देश के किसी भी कोने से मिल सकेगी। कार्यशाला में एनएचए के अधिकारियों ने प्रयोगशाला प्रबंधन जानकारी, समाधान (एलएमआईएस) और व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड (पीएचआर) के समाधान के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की।

इस मौके पर गोरखपुर जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि इस मिशन के जरिये भारत सरकार मरीज को देश के किसी भी कोने में सरल और सहज स्वास्थ्य सुविधा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि एबीडीएम के तहत देश के हर नागरिक की आभा आईडी बननी है । इस आईडी के बनने से नागरिक को यह फायदा होगा कि उसका स्वास्थ्य सम्बन्धित समस्त रिकॉर्ड कहीं से भी उसकी सहमित से प्राप्त किया जा सकेगा । जांच रिपोर्ट की डुप्लीकेसी रुकेगी और गुणवत्तापूर्ण इलाज मिल सकेगा । इसके लिए सरकार की लैब मैनेजमेंट इंफार्मेशन सिस्टम (एलएमआईएस) बनाने की योजना है कि जिससे सभी सरकारी और निजी डायग्नोस्टिक सेंटर जोड़े जाएंगे । इससे मरीज कहीं भी इलाज कराए लेकिन उसकी मेडिकल हिस्ट्री एक आईडी पर मिल जाएगी । आयुष्मान भारत योजना के मरीजों की आईडी जेनरेट करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों का पंजीकरण भी जारी है । यह मिशन अभी इंप्लीमेंटेशन फेज में है और इसे बेहतर तरीके से लागू करने के लिए संवेदीकरण कार्यक्रम चल रहा है।

गोरखपुर जिले में मिशन के नोडल अधिकारी डॉ अनिल सिंह ने बताया कि जिला अस्पताल, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर और बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मरीजों के ओपीडी का पंजीकरण आभा आईडी के जरिये शुरू हो चुका है । जिले के सत्तर से अधिक निजी अस्पताल भी पंजीकरण करवा चुके हैं । गोरखपुर और बस्ती मंडलों के निजी डायग्नोस्टिक सेंटर्स को इस योजना से जोड़ने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने यह पहल की ।

डॉ सिंह ने बताया कि कार्यशाला का उद्देश्य ईको सिस्टम को डिजिटलीकरण में परिवर्तित करना और आधार कार्ड की तरह आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) आईडी कार्ड के जरिये सभी व्यक्तियों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड को ऑनलाइन रखना है | इससे वह व्यक्ति देश के किसी भी अस्पताल में उस आभा कार्ड के जरिये जांच व उपचार की सुविधा का लाभ उठा सकेगा । इसके साथ ही आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की भूमिका और रोगियों के लिए डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड के महत्व को बढ़ावा देना है । विशेष रूप से डायग्नोस्टिक रिपोर्ट जो रेफरल के मामले में या एक अलग स्वास्थ्य सुविधा का दौरा करते समय बार-बार आवश्यक होती है।

इस मौके पर एडी हेल्थ गोरखपुर डॉ आईबी विश्वकर्मा, एडी हेल्थ बस्ती डॉ नीरज कुमार पांडेय, जिला अस्पताल गोरखपुर के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजेंद्र ठाकुर, एसीएमओ, डॉ एके चौधरी, डीपीएम पंकज आनंद समेत दोनों मंडलों के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीगण भी मौजूद रहे ।

*2021 में हुई शुरुआत*

एबीडीएम की शुरुआत 27 सितम्बर 2021 को प्रधानमंत्री ने की थी। यह मिशन देशभर के अस्पतालों के डिजिटल स्वास्थ्य समाधानों को एक दूसरे से जोड़ने के लिए बना है। इससे डिजिटल परामर्श और रोगियों की सहमति से चिकित्सकों को उनके रिकॉर्ड तक पहुंचने में मदद मिलेगी । मरीज का पुराना मेडिकल रिकॉर्ड संरक्षित रहेगा देश के छह केंद्र शासित प्रदेशों में इस योजना को सफलतापूर्वक संचालित किया जा चुका है।