Wednesday, July 3, 2024
बस्ती मण्डल

विवेचक और छावनी थानाध्यक्ष ने किया बाल अधिनियम का उल्लंघन, न्याय पीठ ने मांगा स्पष्टीकरण

बस्ती। नाबालिग बालिका और उससे सम्बन्धित प्रपत्र न्याय पीठ के समक्ष प्रस्तुत नही करने के मामले में न्याय पीठ बाल कल्याण समिति ने थाना प्रभारी छावनी और मुकदमे के विवेचक को मामले से संबंधित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

बताते चलें कि छावनी थाना क्षेत्र के एक ग्राम के निवासी ने अपनी नाबालिग लड़की के साथ हुई घटना की रिपोर्ट मुकामी थाना में दर्ज कराई है,मुकदमे की पीड़िता को थाने के उप निरीक्षक ने 7 मार्च को अवकाश होने के नाते न्याय पीठ के अध्यक्ष प्रेरक मिश्रा के आवास पर प्रस्तुत कर आगे की कार्यवाही के लिए प्रार्थना पत्र दिया था, न्याय पीठ के अध्यक्ष ने मुकदमे की वस्तुस्थिति को देखते हुए बालिका का मेडिकल कराने और आवश्यक प्रपत्रों के साथ अगले कार्य दिवस में न्याय पीठ के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश विवेचक को दिया था। लेकिन विवेचक की लापरवाही के चलते बालिका को 17 दिन बाद भी प्रस्तुत नही किया गया है। मामले की विवेचना क्षेत्राधिकारी हरैया के द्वारा की जा रही है। मामले को गंभीरता से लेते हुए न्याय पीठ के अध्यक्ष प्रेरक मिश्रा, सदस्य अजय श्रीवास्तव, मंजू त्रिपाठी ने ने थाना प्रभारी,विवेचक और थाने के बाल कल्याण अधिकारी को पत्र भेज कर 27 मार्च तक मामले में हुई लापरवाही के प्रती जवाब मांगा है। इस सम्बंध में चियर पर्सन प्रेरक मिश्रा ने कहा कि मामला बाल हित से जुड़ा हुआ, बाल हित को लेकर न्याय पीठ सजग रहती है इसलिए जवाब मांगा गया है। बालिका के सर्वोच्च हित के लिए समित कई स्तर पर प्रयास करती है,प्रस्तुत नही करने पर बालिका का बाल हित प्रभावित होता है।