Friday, June 28, 2024
बस्ती मण्डल

गन्ना किसानों के प्रयास को असम के चीनी मिल प्रबंधन की टीम ने सराहा

इकोटेक एग्रो मिल्स के प्रतिनिधिमंडल ने मुण्डेरवा मिल के अधिकारियों से की मुलाकात

बस्ती। पूर्वांचल के चीनी मिलों को पुनर्जीवित करने को लेकर योगी सरकार के पहल का नतीजा है कि किसानों का गन्ने की खेती के प्रति तेजी से रूझान बढ़ने लगा है। इसकी कामयाबी शुक्रवार को इस रूप में देखने को मिली की , जिले में गन्ने की हो रही वैज्ञानिक खेती को देखने असम के चीनी मिल प्रबंधन की टीम यहां पहुंची। मिल प्रबंधन की टीम ने गन्ना विकास के लिए कार्यरत संस्था एलएसएस के अधिकारियों से मुलाकात की तथा मुण्डेरवा मिल परिक्षेत्र के किसानों की खेती को भी देखा तथा किसानों प्रयास की सराहना की।
योगी आदित्यनाथ ने अपने प्रथम मुख्यमंत्रीकाल में ही गन्ना किसानों के हितों को देखते हुए बस्ती के मुण्डेरवा व गोरखपुर के पिपराइच चीनी मिल को चालू कराने का काम किया। इसके साथ ही शासन के तरफ से गन्ने की खेती को बढ़ावा देने के लिए कई सार्थक कदम उठाए गए। इस क्रम में गन्ना के विकास के लिए कार्यदाई संस्था एलएसएस को चीनी मिल मुण्डेरवा परिक्षेत्र में वैज्ञानिक खेती कराने की जिम्मेदारी दी गई। कार्यदाई संस्था के अधिकारियों व कर्मचारियों के प्रयास का नतीजा रहा कि पिछले दो वर्ष में ट्रेंच व रिंगपीट विधि से गन्ने की खेती के प्रति किसानों का तेजी से रूझान बढ़ा है।
गन्ने के रिकार्ड उत्पादन को लेकर कार्यदाई संस्था के पहल व किसानों की कोशिश को देखने असम के प्राइवेट मिलों की संस्था इकोटेक एग्रो मिल्स के प्रतिनिधिमंडल ने क्षेत्र का दौरा किया। प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे निदेशक मनान जैन व राहुल लोहिया ने चीनी मिल मुण्डेरवा के अतिथि गृह सभागार में जिला गन्ना अधिकारी श्रीमती मंजू सिंह व मिल के प्रधान प्रबंधक अभिषेक पाठक से मुलाकात की। इस दौरान मिल अधिकारियों की टीम ने किसानों को गन्ने की खेती को बढ़ाने के लिए अनुदानित दर पर दिए जा रहे बीज व अन्य संसाधनों की जानकारी दी। जिला गन्ना अधिकारी श्रीमती मंजू सिंह ने कहा कि शासन के निर्देश पर चीनी मिल मुण्डेरवा परिक्षेत्र के किसान, गन्ना विभाग व नामित कार्यदायी संस्था के सामुहिक प्रयास से गन्ना विकास के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार हुआ है। गन्ना के परिक्षेत्र व प्रति कुंतल पैदावार में बढ़ोतरी के साथ ही टें्रच व रिंगपीट विधि से की जा रही गन्ने की बुवाई पूर्वांचल के लिए एक उदाहरण बन गया है। चीनी मिल स्थापना के बाद मौजूदा पेराई सत्र में अधिक गन्ने की पेराई व चीनी की परता में बढ़ोतरी कर शासन की मंशा को पूरा करने का काम किया है। कार्यदाई संस्था एलएसएस के गन्ना सलाहकार एसपी मिश्र ने बताया कि दौरे के दौरान असम से आयी टीम ने चीनी मिल मुंडेरवा परिक्षेत्र का भ्रमण कर गन्ने की वैज्ञानिक खेती की बारीकियों को समझा तथा उक्त खेती की सराहना करते हुए यहां के कृषकों, मिल एवं गन्ना विकास कार्य मे लगी संस्था के कर्मचारियों व अधिकारियों से वार्ता की। टीम ने क्षेत्र के सरौली, लहुरादेवा, बन्हैता, मसौना, गरथवलिया, नगरा बौड़िहार, उमरी अहरा, डारीडीहा, पिपराकला, उंचगांव जमोहे, उदयपुर, रानीपुर, मुण्डेरवा लोहदर, बरडाड़, शोभनापार, भिठहा, ठकुरापार, कथौरा, बघाड़ी व गुलरिया सिरमा गांव का दौरा किया। एसपी मिश्र के मुताबिक पूर्व में वेब ग्रुप के उच्चाधिकारियों द्वारा भी गन्ना विकास के कार्यो का अवलोकन कर प्रशंसा की गई थी। यह सब यहां के कृषकों, एलएसएस के कर्मियों, मिल एवं गन्ना विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों के अटूट समन्वय एवं प्रयास से सफल हो पा रहा है। मुंडेरवा ने तमाम तरह की रिकॉर्ड अपने नाम किया है जैसे प्रदेश मे सबसे ज्यादा रिंग पीट मेथड की खेती, ट्रेंच के साथ ही साथ प्रजाति सीओएलके 14201, सीओएस 13235, सीओ 15023 का बीज उत्पादन सबसे ज्यादा किया है। क्षेत्र भ्रमण के दौरान एलएसएस के महाप्रबंधक गन्ना डा. वीके द्विवेदी, वरिष्ठ प्रबंधक मनोज तिवारी समेत अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।