पत्थर मारने से घायल छात्र की इलाज के दौरान मौत,परिजनों ने किया मार्ग अवरुद्ध, सीओ ने सम्हाला मोर्चा
बनकटी/बस्ती।(तबरेज़ आलम) लालगंज थाना क्षेत्र के 21फरवरी को दिन मे 11:30 बजे हाईस्कूल की परीक्षा देकर लौट रहे छात्र पर पत्थर से हुए हमले में घायल बेलाल की इलाज के दौरान 8वें दिन मंगलवार की रात लखनऊ के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मेडिकल कालेज लखनऊ मे मौत हो गई। सूचना पहुंचते ही परिवारिजन दहाड़ मार कर रोने लगे।
पाकरडाड़ के निवासी बेलाल पुत्र अकबाल उम्र 16वर्ष के 21 फरवरी को लालगंज के रामनरेश इंटर कॉलेज बारीघाट से परीक्षा देखकर दो लोगो के साथ वापस घर लौट रहा था। कि किसी ने पत्थर फेंककर साथ बैठे लोगों के उपर वार कर दिया जिससे पत्थर जाकर बेलाल के सिर पर जा लगा। और गंभीर चोटे आई जिसको प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनकटी लेकर गये जहां पर हालत गंभीर देख डॉक्टर ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जिला अस्पताल के डॉक्टर ने हालत गंभीर देख लखनऊ रेफर कर दिया। लखनऊ के हिमालय ट्रामा सेंटर में इलाज चला लेकिन हालत गंभीर देख डॉक्टर दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया। आइकॉन हॉस्पिटल ले गए वहां पर डाक्टर हालत गंभीर देख रेफर कर दि़या। उसके बाद मांस्क अस्पताल ले गए वहां पर भी हालत गंभीर देख डॉक्टर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान डाक्टर मृतक घोसित कर दिया। घटने के 8वे दिन मंगलवार की देर रात लगभग 10बजे उसकी मौत मेडिकल कालेज मे हो गया। मृतक बेलाल अपने माता-पिता के 8 संतानों में चार भाइयों व चार बहनों में सबसे छोटा था।
मृतक बेलाल के पिता अकबाल व माता किसमतुन के साथ आसिफ, मेराज, सेराज, आरिफ, आयेसा, गाजला, शाहीन, साहिमा के साथ गांव के लोगो का एंबुलेंस मे मृतक को देख आक्रोश में आगये। आक्रोश से पाकडडाड चौराहे पर लोगों ने लगभग एक घंटे तक बस्ती -महुली मार्ग आवागमन बाधित कर दिया। परिवार व आसपास के लोगों ने पुलिस प्रशासन से चक्का जाम करकेे मांग कर रहे थे कि विशाल कुमार ग्राम बेलराई को पकड़कर पुलिस क्यों छोड दिया। अगर पुलिस प्रशासन दोसी को पकडकर सभी दोषी करने वाले के बारे में जानकारी प्राप्त करें तो सभी के बारे मे पता चल जायेगा और उचित से उचित कार्रवाई करने को लेकर चक्का जाम कर दिया।
आक्रोश मे होकर चक्का जाम करने पर घन्टो मार्ग बाधित देख मौके पर सीओ प्रीति खरवार, लालगंज पुलिस बल तथा मुंडेरवा पुलिस बल मौके पर पहुंचकर लोगों को अस्ववासन देते समझा-बुझाकर मार्ग को आवगमन के लिए खाली कराया।