Saturday, May 18, 2024
बस्ती मण्डल

डा. वी.के. वर्मा कृत काव्य संग्रह ‘ कोविड-19’ का लोकार्पण

बस्ती । कोरोना संकट काल के दौरान जब लोग अपने-अपने घरों में कैद थेे जिला चिकित्सालय बस्ती में आयुष चिकित्साधिकारी डा. वी.के. वर्मा कोरोना मरीजों की सेवा, उपचार के साथ ही खाली समय में कोरोना पर केन्द्रित उत्साह पैदा करने वाली कवितायें रचकर भयभीत जन मानस को नया हौसला दे रहे थे। उनके कई खण्डों में रचे गये छिटपुट कविताओं का संग्रह कर कोरोना पर केन्द्रित काव्य संग्रह ‘ कोविड-19’ का लोकार्पण देश के वरिष्ठ साहित्यकारों, समाजसेवियों, चिकित्सकों की उपस्थिति में डा. वी.के. वर्मा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइस बसुआपार में किया गया। निराला साहित्य एवं संस्कृति संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि डा. ज्ञानेन्द्र द्विवेदी दीपक और संचालन एवं संयोजन डा. रामकृष्ण लाल जगमग ने किया।


लोकार्पण एवं कवि सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुये प्रसिद्ध कवि डा. रविन्द्र श्रीवास्तव ‘जुगानी भाई’ ने कहा कि कवि, साहित्यकार अपने दायित्वों से मुंह नहीं मोड़ते। डा. वी.के. वर्मा का प्रयास सराहनीय है। निश्चित रूप से उनकी कृति कोविड-19 आने वाली पीढियों के लिये दस्तावेज बनेगी। यह कृति लोक संवेदना पर केन्द्रित है।
प्रसिद्ध समालोचक डा. रघुवंशमणि त्रिपाठी, वरिष्ठ पत्रकार एवं समीक्षक दिनेश चन्द्र पाण्डेय, डा. सत्यव्रत, डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ ने कोविड-19 के विभिन्न पहलुओं पर गंभीरता से विवेचना किया। कहा कि रचनाकार डा. वी.के. वर्मा की रचनायें संकटकाल में उम्मीद जगा रहीं थी और सोशल मीडिया पर भी उसे भरपूर प्यार मिला। डा. वी.के. वर्मा ने कहा कि निश्चित रूप से कोरोना मानव जीवन के समक्ष बड़ी चुनौती थी, मैने एक चिकित्सक और कवि दोनों की भूमिका में स्वयं को प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। उन्होने काव्य संग्रह की कुछ रचनाओं को भी प्रस्तुत किया। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. फकरेयार हुसेन ने विशिट अतिथि के रूप में कहा कि एक चिकित्सक के रूप में डा. वी.के. वर्मा ने संवेदनशीलता का परिचय दिया है।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ के संचालन में छात्राओं द्वारा प्रस्तुत मां सरस्वती वंदना और स्वागत गीत के बाद आरम्भ कवि सम्मेलन में डा. रविन्द्र श्रीवास्तव जुगानी, डा. ज्ञानेन्द्र द्विवेदी दीपक, प्रसिद्ध कवियत्री डा. अंजना कुमार, सत्येन्द्रनाथ ‘मतवाला’ विनोद कुमार उपाध्याय, डा. अफजल हुसेन अफजल, अनवार पारसा, अर्चना श्रीवास्तव, डा. अजीत श्रीवास्तव ‘राज’ अजय श्रीवास्तव ‘अश्क’ आदि ने रचनाओं के माध्यम से वातावरण को सरस बना दिया। इस अवसर पर मेघना प्रगतिशील साहित्य संस्थान लखनऊ द्वारा डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ और डा. वी.के. वर्मा को राष्ट्रीय साहित्य तपस्वी सम्मान के साथ ही निराला साहित्य एवं संस्कृति संस्थान द्वारा डा. रवीन्द्र श्रीवास्तव जुगानी, डा. ज्ञानेन्द्र द्विवेदी ‘दीपक’ विनोद कुमार उपाध्याय, डा. रघुवंशमणि त्रिपाठी, डा. सत्यव्रत, डा. फकरेयार, डा. टी.पी. मिश्रा, बी.के. मिश्र, अर्चना श्रीवास्तव, अफजल हुसेन अफजल, अनवार पारसा आदि को उनके योगदान के लिये सम्मानित किया गया। आभार ज्ञापन डा. आलोक रंजन ने किया। कार्यक्रम में पवन कुमार गुप्ता, अंशिता, विवेक प्रकाश वर्मा, घनश्याम, आकाश, वीरेन्द्र कुमार, शिव प्रसाद, शिव उपाध्याय, विनोद कुमार, ओम प्रकाश, मनोज गुप्ता, सन्तोष पाण्डेय, मीना, शिवशंकर, सामईन फारूकी के साथ ही बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।