Sunday, May 26, 2024
साहित्य जगत

वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. राजेन्द्र सिंह ‘राही’ ने बढ़ाया बस्ती जनपद का मान।

नई दिल्ली::अंतरराष्ट्रीय शब्द सृजन के द्वारा दिल्ली के हिंदी भवन में दिनांक ०५ फरवरी’२३को जब भारत के अशोक चक्र विजेताओं पर अंतरराष्ट्रीय दोहा संग्रह ‘भारत के अशोक चक्र विजेता’ का भव्य लोकार्पण हुआ तो पूरा सभागार भारतमाता के जयघोष के साथ तालियों से गूँजने लगा।
कार्यक्रम के अध्यक्ष देश के ख्यातिप्राप्त वरिष्ठ साहित्यकार डॉ चन्द्रपाल शर्मा, मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल विष्णुकांत चतुर्वेदी, विशिष्ट अतिथि ब्रिगेडियर डाॅ. भुवनेश चौधरी, दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन की अध्यक्ष डॉ इंदिरा मोहन एवं फ़िल्म गीतकार एवं साहित्यकार डॉ प्रमोद कुश ‘तनहा’ ने इस ऐतिहासिक ग्रन्थ का लोकार्पण किया तो समूचा सभागार भारतमाता की जय के नाद से गूँजने लगा।
डॉ चन्द्रपाल शर्मा ने इस ग्रन्थ को राष्ट्रीय महत्व का ग्रन्थ बताया तो मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल विष्णुकांत चतुर्वेदी(सेवानिवृत्त) ने इस ग्रन्थ को भारत के शौर्य की संज्ञा दी।
देश की वरिष्ठ गीतकारा डॉ इंदिरा मोहन ने इसे अभूतपूर्व एवं कालजयी ग्रन्थ की संज्ञा दी।
ग्रन्थ की समीक्षा करते हुए डॉ प्रमोद कुश ‘तनहा’ ने कहा भारत की वीरता शौर्य बलिदान की गाथा का ऐतिहासिक ग्रन्थ है जो राष्ट्रभक्ति का जागरण करेगा।
कार्यक्रम का संचालन संस्था के संस्थापक ग्रंथ के संपादक डाॅ. राजीव कुमार पाण्डेय ने किया। ग्रंथ के संकलनकर्ता ओंकार त्रिपाठी ने सभी अतिथि का स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर इस ग्रन्थ के सहभागी रचनाकार बस्ती जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. राजेन्द्र सिंह ‘राही’ को ‘अंतरराष्ट्रीय काव्य श्री सम्मान’ से अलंकृत किया गया। अन्तर्राष्ट्रीय शब्द सृजन मंच के बैनर तले नवम्बर में आनलाइन कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया था ।जिसमें देश-विदेश के 201 कवियों/कवयित्रियों ने अशोक चक्र विजेताओं पर दोहा छंद में काव्य-पाठ किया था। इस ऐतिहसिक आयोजन को इंडिया बुक आफ रिकॉर्डस में दर्ज किया गया है। इस कार्यक्रम में बस्ती जनपद से डाॅ. राजेन्द्र सिंह ‘राही’ ने सहभागिता करते हुए अशोक चक्र विजेता ‘कैप्टन उम्मेद सिंह महरा’ पर अपना काव्यपाठ किया था। आनलाइन कवि सम्मेलन में सम्मिलित 167 रचनाकारों की रचनाओं को लेकर इस ऐतिहसिक एवं कालजयी ग्रंथ ‘भारत के अशोक चक्र विजेता’ अन्तर्राष्ट्रीय साझा दोहा-संग्रह का प्रकाशन किया गया, जिसका लोकार्पण आज नई दिल्ली में किया गया। डाॅ. राजेन्द्र सिंह ‘राही’ का नाम ‘गोल्डेन बुक आफ वर्ड रिकॉर्डस’ में पहले ही जुड़ चुका है। ‘बस! कुआनों बह रही है’ उनकी प्रसिद्ध काव्य कृति है। उनकी कुंडलिया छंदों में लिखित महत्वपूर्ण कृति ‘कुंडलिया छंदों की अन्तर्यात्रा’ प्रकाशनाधीन है। साथ ही दस राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय साझा संकलनों एवं अनेक पत्र-पत्रिकाओं में उनकी रचनायें प्रकाशित हो चुकी है और उन्हें अनेक साहित्यिक एवं सामाजिक मंचों द्वारा शताधिक सम्मान प्राप्त हो चुका है। डाॅ. राजेन्द्र सिंह ‘राही’ को दिल्ली में ‘काव्य श्री सम्मान’ मिलने के समाचार से जनपद के साहित्यकार बहुत खुश हैं। इसके लिए विनोद उपाध्याय ‘हर्षित’, सत्येन्द्रनाथ ‘मतवाला’, डाॅ. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’, डाॅ. अजीत श्रीवास्तव ‘राज’, सुधीर श्रीवास्तव, सुशील सिंह ‘पथिक’ श्याम प्रकाश शर्मा, चन्द्रबली मिश्र, रामचंद्र राजा, अफजल हुसैन अफजल, जगदम्बा प्रसाद ‘भावुक’, दीपक प्रेमी, शाद अहमद शाद, सुबोध श्रीवास्तव, हरिकेश प्रजापति, इत्यादि ने उन्हें बधाई देते हुए शुभकामनाएं दिया है।