Saturday, May 4, 2024
हेल्थ

गोद लेकर रोटरी क्‍लब ने 517 क्षय रोगियों को किया निक्षय

– पोषण के साथ स्‍नेह और उचित सलाह से निरन्‍तर स्‍वस्‍थ हो रहे क्षय रोगी

संतकबीरनगर। जिले के रोटरी क्‍लब ने पिछले चार साल में 517 क्षय रोगियों को गोद लेकर क्षय मुक्‍त करवाया है| क्षय रोगियों को पोषण के साथ स्‍नेह और उचित सलाह देकर निरन्‍तर उनको निक्षय कराने में महत्‍वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
रोटरी क्‍लब की अध्‍यक्ष डॉ सोनी सिंह बताती हैं कि 24 अगस्‍त 2019 को जब क्षय रोगियों को गोद लेने का अभियान चलाया गया था, उस समय पहली बार रोटरी क्‍लब में 129 बाल क्षय रोगियों को गोद लिया गया तथा पोषण के साथ संबल देकर क्षयमुक्‍त कराया गया। गोद लिए गए क्षय रोगी बहुत गरीब परिवारों से थे किसी के पिता मजदूर थे तो कोई किसान था। क्षय रोगियों को स्वस्थ करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए रोटरी क्‍लब के पूर्व अध्‍यक्ष डॉ ए के सिन्‍हा को राज्‍यपाल आनन्‍दी बेन पटेल ने इस साल विश्‍व क्षय रोग दिवस पर सम्‍मानित भी किया है ।

क्‍लब ने मरीजों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन्‍हें गोद लिया। क्‍लब के सदस्‍य लिस्‍ट लेकर उनके यहां पहुंचते थे तथा पोषक आहार देते थे। क्षय रोग से ठीक होने वाले महुली क्षेत्र के 35 वर्षीय रामहरख ( बदला हुआ नाम ) बताते हैं कि उन्‍हें टीबी हुआ तो फरवरी 2022 से खलीलाबाद टीबी क्‍लीनिक से उपचार चलने लगा। “मार्च में मुझे रोटरी क्‍लब ने गोद लिया । इसके बाद रोटरी क्‍लब से डॉ ए के सिन्‍हा हर महीने मेरे पास खाने पीने की चीजें लेकर आते थे। जब वह आते थे तो हमारा पूरा हाल चाल लेते थे। नियमित दवा लेने की सलाह देते थे। मेरे दो बच्‍चे हैं, उनको तथा मेरी पत्‍नी को भी दवा दी गयी कि उनको टीबी का संक्रमण न हो। मेरे साथ ही मेरे बच्‍चो का भी हालचाल लेते रहते थे। उन्‍होने दो मच्‍छरदानी और एक पैकेट मास्‍क भी दिया था। जुलाई माह में आए तो मुझे बुखार था। इसके बाद उन्‍होने मुझे खुद अपनी गाड़ी में बैठाकर सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र नाथनगर ले गए तथा इलाज कराकर वापस घर छोड़ा । अगस्‍त में अन्तिम जांच हुई तो उन्‍होने बताया कि अब टीबी नहीं रह गयी है ।

नियोजित तरीके से पहुंचाया जाता है पोषण – वन्‍दना

रोटरी क्‍लब की सचिव बन्‍दना गुप्‍ता बताती हैं कि क्‍लब ने अब क्षय रोगियों तक पोषक आहार पहुंचाने की केन्‍द्रीयकृत व्‍यवस्‍था शुरु की। इसके तहत क्‍लब के सभी लोगों के अंशदान एकत्रित करके एक साथ पोषक आहार का पैकेट बनाते हैं । पोषक आहार के पैकेट में भुना हुआ चना, मूंगफली, सत्‍तू, ड्राई फ्रूट, सोयाबीन तथा इम्‍यूनिटी बढ़ाने के लिए न्‍यूट्रीशन सप्‍लीमेंट यथा प्रोटीन, बोर्नबीटा, पावर बीटा आदि रहता है। इसके बाद क्‍लब के सदस्‍य अपने क्षेत्र के क्षय चिन्हित क्षय रोगियों के यहां यह पोषण पैकेट लेकर रोगियों के घर तक जाते हैं तथा पोषण पैकेट देकर उसके स्‍वास्‍थ्‍य के बारे में जानकारी लेते हैं तथा उन्‍हें शीघ्र ही ठीक हो जाने तथा नियमित दवा लेने की सलाह देकर उसकी जानकारी क्‍लब तक पहुंचा देते हैं ।

पोषक आहार देने के साथ स्‍वास्‍थ्‍य की भी जांच

कुछ क्षय रोगी जो जिला मुख्‍यालय के अगल बगल के रहने वाले हैं वह डॉ सोनी सिंह के कल्पित हास्पिटल पर पहुंचकर अपना आहार खुद ही आकर ले जाते हैं। इस दौरान उनके हीमोग्‍लोबिन के साथ ही वजन आदि की जानकारी भी ले ली जाती है। रोटरी क्‍लब में चिकित्‍सक डॉ ए के सिन्‍हा, डॉ एन एन श्रीवास्‍तव, डॉ सोनी सिंह की एक टीम है जो किसी क्षय रोगी को बुखार या अन्‍य साइड इफेक्‍ट होने की स्थिति में वहां पर पहुंचकर उनका इलाज एक अभिभावक की तरह से करती है।

इलाज के साथ जरुरी है भावनात्‍मक सहयोग – डॉ विशाल

जिला क्षय रोग कार्यालय के चिकित्‍सक डॉ विशाल यादव बताते हैं कि एक क्षय रोगी को जितना इलाज की जरुरत होती है उतनी ही भावनात्‍मक सहयोग की भी जरुरत होती है। इसलिए उन्‍हें इलाज और पोषण के साथ ही भावनात्‍मक सहयोग भी प्रदान करें। उनके साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए।

यह हैं क्षय रोग के लक्षण

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एसडी ओझा ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी रहे , बुखार रहता हो तथा बुखार शाम को बढ़ जाता हो, सीने में दर्द हो, खांसी के साथ खून आए, भूख न लगे और वजन घटता हो यह टीबी के लक्षण हैं। यदि किसी भी व्यक्ति के अन्दर क्षय रोग के यह लक्षण दिखाइ दें तो उनकी जांच कराएं।

वर्षवार रोटरी द्वारा गोद लिए गए मरीज
वर्ष़ गोद लिए स्‍वस्‍थ

2019 129 106

2020 111 107

2021 138 128
2022 200 176

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कुल 578 517
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