Saturday, May 18, 2024
धर्म

भक्ति ईश्वर से जोडती है- करूणा भारती श्रीहरिकथामृत

बस्ती। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा गंगा प्रसाद लघु माध्यमिक विद्यालय बैरिहवा के परिसर में चल रहे श्रीहरिकथामृत के तीसरे दिन व्यासपीठ से गुरूदेव आशुतोष महाराज जी की शिष्या करूणा भारती ने कहा कि भक्ति का अर्थ है ईश्वर से जुड़ना। भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को समझाते हुये कहते हैं कि मैं प्रकाश हूं इसलिये मुझे जानने के लिये प्रकाश स्वरूप भगवान के दर्शन करने की आवश्यकता है।
कथा को विस्तार देते हुये करूणा भारती ने कहा कि भगवान कृष्ण अर्जुन को ब्रम्ह ज्ञान देकर उनका तृतीय नेत्र खोलते हुये प्रकाश रूप का दर्शन करा देते हैं और तभी अर्जुन भक्ति और भगवान से जुड़ पाते हैं। कहा कि भगवान कृष्ण के समान जब पूर्ण सन्त जीवन में आते हैं तो बाहरी आडम्बर नहीं भीतर से जोड देते हैं। फिर उठते बैठते, चलते फिरते भक्ति होती है। सद्गुरू रविदास जी ने भीतर का दर्शन कराया है और तभी मीरा गाती है ‘ ‘पायो जी मैने रामरतन धन खायो’। मंचासीन संत समाज ने भक्तों को भजनों के माध्यम से अमृत बरसाया।
श्रद्धालु श्रोताओं में मुख्य रूप से उप जिलाधिकारी अतुल आनन्द, विष्णु प्रकाशानन्द, शेष नारायण गुप्ता, रामयजी, सिद्धार्थ श्रीवास्तव, धर्मेन्द्र त्रिपाठी, अजय कुमार श्रीवास्तव, अखिलेश पाण्डेय, दिनेश श्रीवास्तव, राजेश चित्रगुप्त, अरूण कुमार श्रीवास्तव, के.के. श्रीवास्तव, पिंकू बाबा, अमित चौबे, प्रीती श्रीवास्तव, स्वप्न खरे, रतन बाला श्रीवास्तव, अरूणिमा, पंकज त्रिपाठी के साथ ही अनेक लोग शामिल रहे।