Tuesday, March 25, 2025
हेल्थ

डेंगू को लेकर रहें सतर्क, बुखार होने पर तुरन्‍त पहुंचें अस्‍पताल

बुखार में बिना चिकित्‍सक की सलाह के न लें कोई दवा

संतकबीरनगर। मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी डॉ अनिरुद्ध कुमार सिंह ने जिले के लोगों से डेंगू बुखार को लेकर सतर्कता बरतने का अनुरोध किया है । उनका कहना है कि किसी भी तरह का भी अगर बुखार हो तो बिना चिकित्‍सक की सलाह के कोई दवा न लें, मच्‍छरों से बचाव करने के साथ ही अन्‍य सावधानियों को बरतें। हलांकि जनपद में डेंगू भयावह स्थिति में नहीं पहुंचा है, लेकिन हमें सावधान रहने की आवश्‍यकता है।

सीएमओ ने बताया कि यह बुखार मादा एडीज एजिप्टी मच्‍छर से फैलता है। यह समय उसके पनपने के लिए अनुकूल है। जनपद में जनवरी से लेकर अब तक डेंगू के कुल 10 केस सामने आए हैं। ये सभी लोग इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं। जबकि पिछले साल कुल 5 केस सामने आए हैं। जनपद में डेंगू का कोई सक्रिय रोगी भी नहीं है। कुछ सावधानियों को ध्‍यान में रखकर हम डेंगू से बच सकते हैं। पानी की टंकी, बाल्टी को सप्ताह में एक दिन साफ कर सुखाएं, गमलों में रोजाना पानी दें, ताकि मच्छरों का लार्वा नष्ट हो जाएं। शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें, दिन में जूते-जुराब पहने रहें। मच्छरों के डंक से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के दरवाजे और खिड़कियों पर महीन जाली लगवाएं। रेफ्रिजरेटर की ट्रे में पानी एकत्र न होने दें। एसी-कूलर बंद रखें, उन्हें किसी कपड़े से भी ढकें। बुखार होने पर रक्त जांच अवश्य कराएं। जिले के हर प्राथमिक, सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र तथा जिला अस्‍पताल में जांच की व्‍यवस्‍था है। जिला अस्‍पताल में अलग से डेंगू वार्ड बनाया गया है, यह पूरी तरह से मच्‍छरदानी व आवश्‍यक दवाओं से युक्‍त है।

*यह हैं डेंगू के लक्षण*

एपीडेमियोलाजिस्‍ट ( जिला महामारी रोग विशेषज्ञ ) डॉ मुबारक अली ने बताया कि डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, मांस पेशियों में दर्द, त्‍वचा पर लाल रंग के दाने निकलना, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना, जोड़ों में दर्द, सूजन आना, मसूड़ों व नाक से खून निकलना है।

*दिन में काटते हैं यह मच्‍छर*

जिला मलेरिया अधिकारी राम सिंह बताते हैं कि डेंगू के मच्छर दिन में खासकर सुबह के वक्त काटते हैं। वहीं अगर रात में रोशनी ज्यादा है, तो भी यह मच्छर काट सकते हैं। इसलिए सुबह और दिन के वक्त घर के आसपास मच्छरों को न रहने दें। एडीज इजिप्टी मच्छर बहुत ऊंचाई तक नहीं उड़ पाते, इंसान के घुटने के नीचे तक ही पहुंच पाते हैं। ऐसे में रात से ज्यादा सुबह इन मच्छरों से बचना आवश्यक है। यह मच्छर ज्यादा पुराने पानी में नहीं बल्कि तीन-चार दिन तक एक स्थान पर रखे पानी में भी पनप सकता है।

*गहरे रंग का होता है एडीज एजिप्टी मच्छर*

डेंगू बुखार को परोसने वाला मादा एडीज एजिप्टी मच्छर छोटा व गहरे रंग का होता है। इसकी टांगें बहुत खुली हुई नहीं होती, यह ज्यादा ऊपर नहीं उड़ पाता। यही कारण है कि आमतौर पर टखनों और कोहनी पर काटता है। सूर्योदय के दो घंटे बाद और सूर्यास्त से कई घंटे पहले सर्वाधिक सक्रिय रहता है आमतौर पर घर के अंदर काटता है। दिन के समय में ऐसे पानी में अंडे देता है, जिसमें पत्तियां, शैवाल होते हैं। यह मच्छर जीका व येलो बुखार भी फैलाता है।