Sunday, July 7, 2024
बस्ती मण्डल

भव बंधन से मुक्त करती है श्रीमद् भागवत कथा। कुंडल शास्त्री

बस्ती। भागवत कथा का आयोजन प्रभु कि कृपा से तथा पूर्वजो की अनुकंपा से ही प्राप्त होता है, भागवत कथा सुनने से मनुष्य भव बंधन से मुक्त हो जाता है। भागवत कथा वह अमृत है जिसका पान करना दुर्लभ है, उक्त उद्गार प्रख्यात श्रीमद् भागवत कथा के मर्मज्ञ कथा व्यास कुंडल शास्त्री अयोध्या धाम ने शुक्रवार को छावनी थाना क्षेत्र के मल्लूपुरग्राम मे आयोजित कथा के दौरान धर्मानुरागी श्रोताओं के सम्मुख कही, कथा व्यास ने कहा कि कथा का आयोजन जिस स्थान पर होता है वह स्थान तीर्थ स्थल में परिवर्तित हो जाता है। और जहां तक कथा सुनाई पड़ती है वहां तक का वातावरण पवित्र हो जाता है। मनुष्य छह विकारों से प्रभावित होता है और श्रीमद् भागवत कथा में 6 अध्याय है और इसके पारायण से व्यक्ति षड्विकारो से मुक्त हो जाता है, जिस ग्रंथ को सुनने से इंद्रिया विकार को त्याग कर प्रभु के चरणों में समर्पित हो जाय उसे भागवत पुराण कहते हैं। परमात्मा ज्ञानी है और गुणातीत भी है, उसे व्यक्त कर पाना संभव नहीं है। कथा का विस्तार करते हुए कथा व्यास ने कहा कि जितने समय में आंखो की पलक गिरती है इसके तिहाई समय में अर्थात एक लव में भगवान संसार का निर्माण करते हैं, और इससे भी कम समय में समेट भी लेते हैं। कथा के पूर्व कथा व्यास ने व्यास पीठ की परिक्रमा और वंदना के साथ कथा की शुरुवात किया, मुख्य यजमान अनिरुद्ध मिश्रा ने कथा व्यास का स्वागत माल्यार्पण कर किया। इस अवसर पर न्याय पीठ बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रेरक मिश्रा, पंडित लाल बहादुर तिवारी, प्रवीण कुमार मिश्र, भाजपा नेता अजीत शुक्ला, प्रदीप द्विवेदी, सूर्यप्रभात शुक्ला, महावीर मिश्रा, राहुल तिवारी, पोपट मिश्रा, अंशु मिश्रा, कार्तिक मिश्रा, विरंच शांडिल्य, संजय मिश्र, सुधांशु मिश्रा के साथ बड़ी संख्या में धर्मानुरागी मौजुद रहे।