Tuesday, July 2, 2024
बस्ती मण्डल

जलप्लावित क्षेत्र में रंग ला रही गन्ने की नर्सरी

सामान्य विधि से नर्सरी में 25 फीसद बीज की खपत

बस्ती। बारिश ने शरदकालीन गन्ना बुवाई को प्रभावित किया है। ऐसे में जलप्लावित क्षेत्र में किसानों की नर्सरी तैयार करने की कोशिश अब रंग लाने लगी है। कम लागत में अधिक उपज प्राप्त करने का यह तरकीब किसानों को खुब भा रहा है।

मुण्डेरवा चीनी मिल परिक्षेत्र में अब तक 6 लाख से अधिक गन्ने के पौधे किसानों के द्वारा तैयार किया जा चुका है। लगातार हो रही बारिश से खेतों में जलजमाव व अधिक नमी के चलते गन्ने की बुवाई नहीं की जा सकती। जबकि अक्टूबर माह को शरदकालीन गन्ना बुवाई का सबसे बेहतर समय माना गया है। ऐसे में गन्ना विकास के लिए शासन से नामित कार्यदाई संस्था एलएसएस का गन्ने का पौध तैयार करने पर सर्वाधिक जोर है। इसके तहत संस्था के तरफ से किसानों को प्लास्टिक का ट्रे उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें ही किसान गन्ने के एक-एक आंख टुकड़ा काटकर जमा रहे हैं। औसतन एक माह में इसका पौधा तैयार हो जाने पर आसानी से खेतों में रोपाई कर दी जाती है।

*अधिकारियों ने की किसानों के पहल की सराहना*

चीनी मिल मुण्डेरवा परिक्षेत्र में लगातार किसानों के बीच आयोजित हो रही गन्ना गोष्ठियों में विभागीय अधिकारी भी हिस्सा ले रहे हैं। जिला गन्ना अधिकारी मंजू सिंह खुद इन कार्यक्रमांे में हिस्सा लेकर किसानों का उत्साह बढ़ा रही हैं। क्षेत्र का भ्रमण कर उप गन्ना आयुक्त पूर्वी क्षेत्र गोरखपुर उषा पाल ने बताया कि सिडलिंग तैयार कर विपरित मौसम में भी किसान गन्ने की बेहतर खेती कर सकते हैं। इस क्षेत्र में कार्यदाई संस्था व प्रगतिशील किसानों का प्रयास सराहनीय है। अब तक 6 लाख से अधिक सिंगल बड से नर्सरी तैयार कराये जा चुके हैं। चीनी मिल मुण्डेरवा के प्रधान प्रबंधक ब्रजेंद्र द्विवेदी ने कहा कि किसानों को गन्ने की नर्सरी तैयार करने के लिए मिल प्रबंधन द्वारा हर संभव मदद किया जा रहा है।

*गन्ना संस्थान के सहायक निदेशक ने किया भ्रमण*

उत्तर प्रदेश गन्ना किसान संस्थान प्रशिक्षण केंद्र पिपराइच गोरखपुर के सहायक निदेशक ओमप्रकाश गुप्ता ने बताया कि मुण्डेरवा परिक्षेत्र का दौरा कर किसानों से हमने सीधा संवाद किया। अधिक उपज व चीनी की बेहतर परता के लिए कोसा 13235,को 98014,को 15023 व कोलख 14201 प्रजाति के गन्ने का बीज किसान सर्वाधिक बुवाई कर रहे हैं। साथ ही प्लास्टिक के ट्रे में गन्ने के पौधे तैयार कर रहे हैं। ग्राम कुस्मी बुजुर्ग के किसान भगवान दीन ने बताया कि हम डेढ़ लाख गन्ने का पौधा तैयार किए हैं। ग्राम कड़सरी मिश्र के किसान जितेन्द्र यादव ने बताया कि हम 80 हजार गन्ने का पौधा तैयार किए हैं। ग्राम मेड़ा के किसान तुलसीदास ने बताया कि हम 40 हजार गन्ने का पौधा तैयार किए हैं।

*15 लाख पौधा तैयार करने का लक्ष्य*

कार्यदाई संस्था एलएसएस के गन्ना सलाहकार एसपी मिश्र ने बताया कि 15 लाख पौधे तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें से अभी 6 लाख से अधिक पौधे तैयार हो चुके हैं। खास बात है कि सामान्य विधि से गन्ने की बुवाई में जितने बीज की खपत होती है, उससे 75 फीसद कम अर्थात 20 से 24 कुंतल की जगह 5 से 6 कुंतल प्रति एकड़ गन्ने की जरूरत होती है। नर्सरी तैयार कराने में हमारे स्टाफ किसानों की मदद कर रहे हैं। साथ ही किसानों को जागरूक करने के लिए गोष्ठी व बैठकों का आयोजन किया जा रहा है।