Sunday, July 7, 2024
बस्ती मण्डल

जमीनी विवाद को लेकर कार्यवाही ना होने पर सीएम पोर्टल पर किया शिकायत

बस्ती। नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम बरवानिया के अनुराग मिश्रा पुत्र दलजीत कुमार मिश्र द्वारा शिकायत किया गया था जिसमें दूसरा पक्ष दुर्गेश चंद्र पाठक पुत्र बलदाऊ पाठक दोनों पार्टी बेनामी की जमीन को लेकर आपस में मारपीट हुआ था।
विपक्ष पर हमला व मारपीट ब 107 116 भी दर्ज है।
इसको लेकर दोनों पक्षों के बीच माने तो पीड़ित के बाबा ने विपक्षी के नाना तिलकधारी से दसको पहले भूखंड का बैनामा लिया था,जिसमे विपक्षी ने बेईमानी के नियत से मुकदमा कर दिया वन्यायालय में 1978 से जमीन पर मुकदमा चला आ रहा है। पीड़ित के बाबा को तबियत बिगड़ जाने से मुकदमा को बल न मिलने से अदम पैरवी में खारिज हो गया था,इसकी सूचना मिलते ही पीड़ित द्वारा आदेश की आपत्ति देते हुए अपील दायर की ,जिसकी जानकारी अंधकार में रखते हुए विपक्षी ने अवर न्यायालय से परवान बनवा कर ,व बिना राजस्व नियमो का पालन करते हुए ख़ातूनी में अंकित सभी गाटो को अपने नाम से दर्ज करवा लिया,प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन हैं व दसको पहले जरिये नामांतरण दर्ज पीड़ित के बाबा नाम था,जिसमे विपक्षी को कायमी देकर अनुतोष प्राप्त करना था,ऐसी आख्या भी प्राप्त हुई,लेकिन बिना नियम पालन किये जब पीड़ित अपने भूखण्ड को जोत बो रहा था तभी दुर्गेश पाठक आदि प्राणघाती हमला कर दिया व पीड़ित का पैर टूट गया जिसका इलाज जिला के चल रहा था।जिसकी शिकायत अनुराग मिश्र पुत्र दलजीत मिशर द्वारा किया गया था जिसकी अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुआ। जिसको लेकर सीएम पोर्टल पर शिकायत कर करवाई की मांग की।
बता दे नगर थाना टीम भी प्रलोभन में आकर मामले को सुलह करने पर दबाव बना रही हैं व सुलह न होने की स्थिति में प्रार्थी के चाचा को जेल में डालने की धमकी भी दे रही हैं।इसकी शिकायत जब पीड़ित द्वारा सीएम पोर्टल पर की गई तो पीड़ित का बिना मेडिकल प्राप्त किये धारा 107 116 में चलानी कार्यवाही करते हुए पॉर्टल पर आख्या प्रेषित कर दी।वर्तमान समय में आवेदक द्वारा पूर्व से जमीन पर कब्जा है,व बिना किसी न्यायालय के आदेश के पुलिस जबरन भूखण्ड पर कब्जा कराने का जिम्मा अपने सर पर ले लिया है। अभी तक अभियुक्त खुले आम घूम रहा हैं व पीड़ित जिसका पैर टूटा हुआ है व जिले के बस्ती विकास प्राधिकरण का कर्मचारी हैं व वर्तमान समय मे चल न पाने की स्थिति में मेडिकल अवकाश पर है उससे भी 107 116 में अब न्यायालय जाकर जमानत लेनी हैं।थानाध्यक्ष नगर महोदय द्वारा बिना मेडिकल सत्यापन के धारा दर्ज करना व आई जी आर एस रिपीट में स्पस्ट लिखना की आरोप कही से सिद्ध नही हो रहा यह कहना कानून व्यवस्था को तार तार करना है।