Sunday, July 7, 2024
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भारतीय नौसेना की पहली 3 महिला पायलट की ट्रेनिंग हुई पूरी, जल्‍द उड़ाएंगी डोर्नियर विमान

नई दिल्ली। इंडियन नेवी के इतिहास में एक नया कीर्तिमान दर्ज हो चुका है। भारतीय नौसेना की पहली तीन महिला पायलटों का बैच ट्रेनिंग लेकर तैयार हो चुका है और अब वो समय आ गया है जब नेवी की ये 3 महिला पायलट सेना का डोर्नियर विमान को उड़ाते हुए नया इतिहास रचेंगी। नेवी की ये पहली तीन महिला पायलट डॉनिर्यर एयरक्राफ्ट से समुद्री टोही अभियानों को अंजाम देंगी। जिन्‍होंने अपनी पायलट की ट्रेनिंग पूरी की है उनमें लेफ्टिनेंट दिव्या शर्मा, लेफ्टिनेंट शुभांगी स्वरूप और लेफ्टिनेंट शिवांगी शामिल हैं।

इन महिला पायलटों में लेफ्टिनेंट दिव्या शर्मा है जो कि मालवीय नगर, नई दिल्ली से है वहीं दूसरी लेफ्टिनेंट शुभांगी स्वरूप उत्‍तर प्रदेश के तिलहर से हैं और तीसरी लेफ्टिनेंट शिवांगी बिहार के मुजफ्फरपुर शहर से हैं। ये भारतीय नौसेना के पहले बैच के तीन प्रमुख पायलट हैं जिन्‍होंने नया कीर्तिमान रच दिया है। तीनों महिला पायलट 27 वें डॉर्नियर ऑपरेशनल फ्लाइंग ट्रेनिंग (डीओएफटी) कोर्स का हिस्सा थीं, इस ट्रेनिग में कुल 6 पायलट थे। इन्‍होंने गुरुवार को आईएनएस गरुड़ पर आयोजित पासिंग आउट परेड में पूरी तरह से परिचालन वाले समुद्री टोही पायलट (एमआर पायलट) के तौर पर स्नातक डिग्री हासिल की।

इस पॉसिंग आउट परेड में दक्षिणी नौसेना कमान के चीफ स्‍टाफ अधिकारी रियल एडमिरल एंटोनी जॉर्ज चीफ गेस्‍ट थे। एडमिरल एंटनी जॉर्ज ने इन महिला पायलटों को अवार्ड प्रदान किया। इस कार्यक्रम के बाद ये तीनों महिला पायलट नेवी के सभी ऑपरेशनल मिशन के लिए डॉर्नियर एयर क्राफ्ट उड़ाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इनमें से लेफ्टिनेंट शिवांगी ने सबसे पहले (दो दिसंबर 2019 को) नौसेना पायलट के लिए अहर्ता पूरी की थी। इसके 15 दिन बाद बाकी दोनों अधिकारी भी पायलट बन गई थीं। इसके बाद इनका एक बैच बनाया गया और 27वें डीओएफटी कोर्स में शामिल छह पायलटों में इन्हें शामिल किया गया था।

पायलटों ने भारतीय वायु सेना और आंशिक रूप से डीओएफटी पाठ्यक्रम से पहले नौसेना के साथ बुनियादी उड़ान प्रशिक्षण लिया था। इस पाठ्यक्रम में एसएनसी के डोर्नियर स्क्वाड्रन, आईएनएएस 550 के एसएनसी के विभिन्न व्यावसायिक स्कूलों में आयोजित एक महीने का जमीनी प्रशिक्षण चरण और उड़ान प्रशिक्षण के आठ महीने शामिल हैं। बता दें इस महीने की शुरुआत में यह घोषणा की गई थी कि IAF की पहली तीन महिला फाइटर पायलट भी इस साल के अंत तक अपना प्रशिक्षण पूरा कर लेगी, और तीन और महिला पायलटों के दूसरे बैच को अब इस भूमिका के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।