ऐतिहासिक फैसला, पत्नी को दिया बेरोजगार पति को एक हजार रुपए गुजारा भत्ता देने का आदेश
मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में परिवार न्यायालय ने एक ऐतिहासिक आदेश देते हुए पेंशन पा रही पत्नी को अपने बेरोजगार पति को गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है। पेंशन भोगी पत्नी अब अपने पति को हर महीने एक हजार रुपए गुजारा भत्ता अदा करेगी। बता दें, दोनों की शादी करीब 30 साल पहले हुई थी। शादी के कुछ सालों बाद ही दोनों के बीच विवाद हुआ और दोनों अलग हो गए थे। साल 2013 में पति ने भरण पोषण की मांग करते हुए पत्नी के खिलाफ परिवार न्यायालय में याचिका दायर की थी।
धिवक्ता बालेश कुमार तायल ने बताया कि खतौली निवासी किशोरीलाल ने वर्ष 1990 में कानपुर की रहने वाली मुन्नी देवी से शादी की थी। मुन्नी देवी रक्षा अनुसंधान विकास संगठन कानपुर में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में कार्यरत थी। शादी के कुछ सालों बाद ही किशोरीलाल और मुन्नी देवी के बीच मनमुटाव हो गया। बात इतनी बढ़ गई कि किशोरीलाल खतौली आकर रहने लगा। किशोरीलाल ने वर्ष 2013 में भरण पोषण की मांग करते हुए मुन्नी देवी के खिलाफ परिवार न्यायालय में याचिका दायर की थी। इसी बीच मुन्नी देवी रिटायर हो गईं। मुन्नी देवी को लगभग 12 हजार रुपए मासिक पेंशन के रूप में प्राप्त होने लगी।
बेरोजगार किशोरीलाल की याचिका परिवार न्यायालय नंबर-2 तृप्ता चौधरी के न्यायालय में विचाराधीन रही। कोर्ट ने किशोरीलाल की भरण पोषण की मांग याचिका स्वीकार कर ली और उसकी पत्नी मुन्नी देवी को एक हजार रुपए प्रतिमाह गुजारा भत्ता अपने पति को देने के आदेश दिए हैं। बता दें, हिंदू विवाह अधिनियम में महिलाओं की सुरक्षा प्राथमिकता के आधार पर की गई है, वहीं महिला उत्पीड़न से त्रस्त पति के हितों की भी रक्षा की गई है।