Wednesday, July 3, 2024
हेल्थ

शादी के बाद शगुन किट अपनाएँ – परिवार को खुशहाल बनाएं

गोरखपुर। भटहट ब्लॉक के डुमरी गांव की रहने वाली 21 वर्षीय सिद्धी मिश्रा की शादी इस साल मई माह में हुई है। जब वह शादी के बाद ससुराल आईं तो पहले ही दिन आशा कार्यकर्ता ने उन्हें शगुन किट दिया । सिद्धी का कहना है कि शगुन किट में परिवार नियोजन संबंधित प्रमुख संदेश और साधन भी थे। आशा कार्यकर्ता ने उन्हें समझाया कि इस किट के साधनों का इस्तेमाल कर शादी के दो साल बाद ही बच्चे की योजना बनाना है। इस तरह परिवार खुशहाल रहेगा और पति-पत्नी को एक दूसरे को समझने का मौका मिलेगा । सिद्धी और उनके पति ने समझदारी का यह संदेश सीख लिया है और अब तय किया है कि दो साल बाद ही पहले बच्चे की योजना बनाएंगे ।

शादी के मौके पर मिलने वाले तमाम तोहफों में से उसी दरम्यान मिलने वाला एक ख़ास तोहफा है, क्षेत्रीय आशा कार्यकर्ता के माध्यम से शादी के तुरंत बाद शगुन के रूप में भेंट की जाने वाली ‘नई पहल किट’। इस किट में कई जरूरी सामग्री के साथ ही परिवार नियोजन के अस्थायी साधन कंडोम व गर्भ निरोधक गोलियों को भी शामिल किया गया है। परिवार नियोजन के इन अस्थायी साधनों को अपनाकर पति-पत्नी को एक-दूसरे को समझने और आर्थिक रूप से मजबूती लाने का पर्याप्त समय मिल सकता है। इस तरह यह किट महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य के साथ ही परिवार के हर सदस्य की खुशहाली का जरिया भी बन सकता है ।

मुख्य चिकित्सा अधिकार डॉ आशुतोष कुमार दूबे का कहना है कि विवाह के बाद बहू के ससुराल में कदम रखते ही आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुभ शगुन के रूप में नई पहल किट का तोहफा देती हैं। इसका उद्देश्य नवविवाहित दम्पति को पारिवारिक और वैवाहिक जीवन के दायित्वों के लिए तैयार करना है ताकि वह अपना आगे का जीवन बिना संकोच और झिझक के खुशहाल, सुरक्षित और सुंदर बना सकें। सेहत के साथ ही आर्थिक बेहतरी के लिए जरूरी है कि बच्चे की योजना शादी के दो साल बाद ही बनाएं और दो बच्चों के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर जरूर रखें।

मंडलीय परिवार नियोजन सामग्री प्रबंधक अवनीश चंद्र का कहना है कि गोरखपुर जनपद में वित्तीय वर्ष 2020-21 में गोरखपुर जिले में 16308 शगुन किट ( नई पहल ) का वितरण किया जा चुका है।

*शगुन किट की खासियत*

भटहट ब्लॉक की डीसीपीएम आरती त्रिपाठी ने बताया कि शगुन किट 12 से 13 इंच के चौकोर लाल रंग के साथ प्राकृतिक जूट के रंग में बना एक बॉक्स है, इसे स्वास्थ्य विभाग की ओर से नवदंपति को भेंट किया जाता है। बॉक्स में “नया उपहार शगुन बेमिसाल, नई जोड़ी परिवार खुशहाल“ का स्लोगन भी लिखा होता है। “किट में एक शीशा, कंघी, कुछ रुमाल और तौलिये के साथ ही सामान्य भाषा में गर्भनिरोधक से जुड़े सवाल-जवाब भी होते हैं।” उन्होंने कहा -आशा कार्यकर्ता शगुन किट नवविवाहिता को देती हैं। ऐसे जोड़े जो पढ़-लिख नहीं सकते, उन्हें आशा कार्यकर्ता उनके घर जाकर पूरी जानकारी बातचीत के जरिये उपलब्ध कराती हैं ।

*शगुन किट को जानिये*

मंडलीय परिवार नियोजन सामग्री प्रबंधक का कहना है कि शगुन के इस किट में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एक पत्र भी होता है, जिसमें परिवार नियोजन के फायदों के बारे में लिखा होता है। इस पत्र का उद्देश्य नवविवाहित दम्पति को जनसंख्या नियंत्रण के लिए सचेत करने के साथ दो बच्चों तक ही परिवार को सीमित रखने के लिए प्रोत्साहित करना है। किट में पति और पत्नी के लिए आपातकाल में प्रयोग की जाने वाली गर्भनिरोधक गोलियां, सामान्य गर्भनिरोधक गोलियां और कंडोम होते हैं ।” किट में स्वास्थ्य और सफाई के लिए ज़रूरी कुछ सामान भी होता है।