Friday, July 5, 2024
हेल्थ

जीवन को प्रभावित करने वाले रोग का समूह है एनटीडी

– 30 जनवरी को पूरे विश्व में मनाया जाता है एनटीडी दिवस

बस्ती। हर वर्ष 30 जनवरी को विश्व में एनटीडी दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद यह है कि पूरी दुनिया के लोग एनटीडी (नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज़) के उन्मूलन के प्रति जागरूक हों व पूरी प्रतिबद्धता से इसे समाप्त करने की दिशा में कार्य करें। वर्ष 2020 में विश्व को इन बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए पहली बार विश्व एनटीडी दिवस मनाया गया।
जिला मलेरिया अधिकारी आईए अंसारी ने बताया कि एनटीडी जीवन को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करने वाले रोगों का एक समूह है, जो अधिकतर सबसे गरीब, कमजोर आबादी को प्रभावित करता है। एनटीडी में लिम्फैटिक फाइलेरिया (हाथीपांव) विसेरल लीशमैनियासिस (कालाजार), लेप्रोसी (कुष्ठरोग), डेंगू, चिकुनगुनिया जैसे रोग शामिल होते हैं। इनकी रोकथाम संभव है; इसके बाद भी हर साल बहुत सारे लोग इन रोगों से प्रभावित हो जाते हैं। देश में भी हर साल हजारों लोग एनटीडी रोगों से संक्रमित हो जाने के कारण जीवन भर असहनीय पीड़ा सहते हैं और विकलांग भी हो जाते हैं, जिसके कारण वह अपनी आजीविका कमाने में भी अक्षम हो जाते हैं। उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय हो जाती है।
उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार विश्व में हर पांच में से एक व्यक्ति एनटीडी से ग्रसित हैं। यह गंभीर रोग हैं जो हर जगह, हर किसी की शिक्षा, पोषण और आर्थिक विकास पर विपरीत प्रभाव डालते हैं। इनके उन्मूलन के कार्यक्रमों को प्राथमिकता देने से आर्थिक विकास, समृद्धि एवं लैंगिक समानता को भी बढ़ावा मिलेगा। भारत दुनिया भर में प्रत्येक प्रमुख एनटीडी से ग्रस्त जनसंख्या के दृष्टिकोण से पहले स्थान पर है। जिले में फाइलेरिया से ग्रसित 722 मरीज मौजूद हैं।
वेक्टर जनित रोग कार्यक्रम अधिकारी डॉ. एफ हुसैन ने बताया कि अंतर विभागीय समन्वय बनाकर और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओ की दूर-दराज इलाकों तक पहुंच सुनिश्चित कर जिले को एनटीडी से पूर्ण रूप से मुक्त करने के हर संभव प्रयास किये जा रहें हैं। एनटीडी रोगों को नेग्लेक्टेड यानि उपेक्षित समझा जाता है मगर अब इन पर स्पॉटलाइट लाने का समय है ताकि इन मुद्दों पर और अधिक ध्यान ध्यान दिया जाए।