Saturday, May 18, 2024
हेल्थ

जांच प्रक्रिया में सुधार से रोग की संवेदनशीलता की पहचान में मिलेगी मदद

बस्ती। टीबी के खात्मे के लिए इलाज के साथ ही रोग की जांच का त्रुटिहीन होना जरूरी है। थोड़ी सी सावधानी बरत कर ट्रूनेट मशीन से रोग की काफी हद तक त्रुटिहीन जांच की जा सकती है।
यह बातें एएनएम प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित एक दिवसीय रिफ्रेशर प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षक ज्ञानेंद्र सिंह ने कहीं। प्रशिक्षण में जिले के विभिन्न लैब में तैनात एलटी, सीनियर टीबी लैब टैक्नीशियन और डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम कोआर्डिनेटर आदि ने प्रतिभाग किया।

प्रशिक्षक ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि कुछ जिलों की ट्रूनॉट प्रयोगशाला में ट्रूनॉट एमटीबी व ट्रूनॉट रीफ चिप्स की जांच में इनवैलीड/इनडिटरमिनेट रिपोर्ट का प्रतिशत ज्यादा आ रहा था। ज्यादातर मामले में देखा गया कि जांच के लिए जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है, उसी में खामी रह जाती है। समय से जांच रिपोर्ट न मिलने से रोगियों का इलाज समय से नहीं शुरू हो पाता है। जांच के लिए बलगम का नमूना लेने के बाद नमूने का तापमान मेंनटेन रखना, जांच सही तरह से करना व पोर्टल पर ठीक तरीके से जांच की रिपोर्टिंग जरूरी है। टीबी की ट्रूनॉट जांच अत्याधुनिक जांच है। इससे रोगी की पहचान कम समय में सटीक तरीके से की जा सकती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की कंसल्टेंट डॉ. पीएस प्रीति ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत एक दिवसीय ट्रूनेट मशीन की सहायता से टीबी की जांच के संबंध में प्रशिक्षण प्रदान किया गया। नि:क्षय पोर्टल पर रिपोर्टिंग के साथ साथ डीआरटीबी डायग्नोस्टिक एल्गोरिथम का विस्तृत वर्णन करते हुए प्रशिक्षण दिया गया। केंद्र सरकार की मंशा है कि वर्ष 2025 तक देश से टीबी का खात्मा हो जाए, जिसके लिए समय से जांच व समय से पूर्ण उपचार होना जरूरी है।

ब्लॉकों में जल्द मिलेगी ट्रूनॉट जांच की सुविधा
जिला कार्यक्रम समन्वयक अखिलेश चतुर्वेदी ने बताया कि समस्त ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य केंद्र पर ट्रूनॉट जांच की सुविधा उपलब्ध कराए जाने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे मरीजों की तुरंत जांच कर उनकी ड्रग सेंसिटिविटी को तुरंत पहचान कर जरूरी दवाओं को शुरू किया जा सकेगा। जनपद में अभी जिला क्षय रोग चिकित्सालय, मेडिकल कॉलेज बस्ती एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुदरहा में ट्रूनॉट मशीन, जबकि टीबी चिकित्सालय बस्ती और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हर्रैया में सीबीनॉट मशीन के माध्यम से मरीजों के बलगम का जांच करने की सुविधा उपलब्ध है। डिस्ट्रिक्ट पीएमडीटी, टीबी/एचआईवी कंसल्टेंट संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि यह प्रशिक्षण टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में बड़ा मददगार बनेगा।
प्रशिक्षण में मनोज कुमार बर्नवाल, संजय पांडेय, अशरफ अली, दुर्गेश कुमार उपाध्याय, शिव शंकर, विजय कुमार, सचेत कुमार यादव सहित अन्य मौजूद रहे।