Monday, July 1, 2024
हेल्थ

पोस्टर, पंपलेट, बैज, गाइड बुक और टैटू के जरिये टीबी के प्रति अलख जगाएंगे टीबी चैंपियन

गोरखपुर और सिद्धार्थनगर के 24 टीबी चैंपियन की समीक्षा के साथ आईसी का अनावरण

गोरखपुर। क्षय रोग यानि टीबी के प्रति जागरूकता लाने के साथ ही टीबी को लेकर व्याप्त भेदभावऔर भ्रांतियों को दूर करने की अलख जगायेंगे टीबी चैम्पियन | इसके लिए वह पोस्टर, पंपलेट, बैज और टैटू का सहारा लेंगे | टीबी मरीजों को सिबल प्रदान कर उनकी हर तरह से मदद में जुटे टीबी चैंपियन डिस्ट्रिक्ट टीबी सेंटर(डीटीसी), टीबी यूनिट(टीयू) और प्रभावशाली लोगों के बीच इन आईईसी मैटेरियल के सहारे संवेदीकरण करेंगे । इस संबंध में जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ रामेश्वर मिश्र की अध्यक्षता में गोरखपुर और सिद्धार्थनगर जिले के 24 टीबी चैंपियन के समीक्षा कार्यक्रम के दौरान आईईसी मैटेरियल का अनावरण भी किया गया । आयोजन वर्ल्ड विजन इंडिया, एफआईएनडी और रीच संस्था द्वारा यूनाइट टू एक्ट प्रोजेक्ट के तहत किया गया।

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि गोरखपुर जिले के 12 टीबी चैंपियन ने मार्च 2022 तक 656 टीबी मरीजों के घर पहुंच कर उन्हें संबल प्रदान किया । मई 2022 तक 18 सामुदायिक बैठकें कीं और पांच एंटी स्टिग्मा कैंपेन भी चलाए। इन सभी लोगों को समीक्षा बैठक में बताया गया है कि टीबी मरीजों को प्रेरित करें कि वह बीच में दवा न बंद करें। दवा बंद करने से टीबी बिगड़ सकती है यानि एमडीआर का रूप ले लेती है और कई बार एक्सडीआर टीबी भी बन जाती है जिसमें जटिलताएं बढ़ जाती हैं । टीबी की दवा तब तक खानी है जब तक कि चिकित्सक द्वारा बंद करने की सलाह न दी जाए। इसी प्रकार टीबी के प्रत्येक निकटवर्ती व्यक्ति की (जो अत्यंत निकट रहा हो) टीबी जांच आवश्यक है और साथ ही उसे टीबी प्रिंवेटिव थेरेपी के तहत बचाव के लिए दवा खानी है । यह सभी संदेश समुदाय तक पहुंचाने के लिए टीबी चैंपियन से कहा गया है ।

डॉ मिश्रा ने बताया कि टीबी चैंपियन डीटीसी और टीयू पर पोस्टर लगाएंगे जबकि समाज के प्रभावशाली लोगों के बीच पंपलेट व अन्य आईईसी सामग्री लेकर टीबी के लक्षणों के बारे में बताएंगे । लोगों को प्रेरित किया जाएगा कि टीबी के लक्षण वाले व्यक्तियों को सरकारी अस्पताल में निःशुल्क जांच व इलाज के लिए प्रेरित करें । इस अवसर पर वर्ल्ड विजन इंडिया संस्था के गोरखपुर जिला समन्वयक शक्ति पांडेय, सिद्धार्थनगर जिला समन्वयक शिवम मिश्रा, डीपीसी धर्मवीर प्रताप सिंह, पीपीएम समन्वयक एएन मिश्र और आफताब आलम बेग प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।

*आईईसी से देंगे ऐसे संदेश*

• टीबी एक संक्रामक रोग है जो बैक्टीरिया के कारण होता है और इसका पूरी तरह से इलाज संभव है।
• बालों और नाखूनों को छोड़ कर टीबी शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है।
• फेफड़ों की टीबी को पल्मोनरी,जबकि शरीर के अन्य अंगों की टीबी को एक्स्ट्रा पल्मोनरी कहते हैं।
• केवल फेफड़े की टीबी ही संक्रामक है।
• जब टीबी ग्रसित व्यक्ति असुरक्षित तरीके से खांसता या बोलता है तो हवा के माध्यम से दूसरे को संक्रमण होता है।

*लक्षण दिखे तो कराएं जांच*

डॉ मिश्र ने बताया कि अगर लगातार दो हफ्ते से खांसी आए, बलगम में खून आए, रात में बुखार के साथ पसीना आए, तेजी से वजन घट रहा हो, भूख न लगे तो नजदीकी डीएमसी या टीयू पर टीबी जांच निःशुल्क करवा सकते हैं। अगर जांच में टीबी की पुष्टि हो तो पूरी तरह ठीक होने तक इलाज चलाना है।