Saturday, May 18, 2024
बस्ती मण्डल

हाथों की स्वच्छता से गंभीर बीमारियों से होगा बचाव

बस्ती। हाथ धोने के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए वैश्विक स्तर पर हर साल 15 अक्टूबर को हैंड वॉशिंग दिवस मनाया जाता है। इस दिन की स्थापना वर्ष 2008 में ग्लोबल हैंड वाशिंग पार्टनरशिप द्वारा की गई, जिसका प्रयास साबुन से हाथ धोने के महत्व लोगों को बताना है।
इस साल के ग्लोबल हैंडवाशिंग डे की थीम, ‘सभी के लिए स्वच्छ हाथ’ निर्धारित की गई है। इस साल हम सभी ने हाथ की स्वच्छता के महत्व को बखूबी समझा है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सबसे प्रभावी तरीका ठीक तरह से हाथ धोना है, जिससे संक्रमण का खतरा काफी हद तक काम हो जाता है । डब्ल्यूएचओ के वैश्विक सुझावों में कोविड-19 महामारी को रोकने और नियंत्रित करने और इसे व्यवहार में लाने के लिए हाथ की स्वच्छता का लक्ष्य रखा गया। इसके लिए हाल ही में डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ की अगुवाई में ‘हैंड हाइजीन फॉर ऑल ग्लोबल इनिशिएटिव’ लांच किया गया ।
हाथ की स्वच्छता हमारे स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का ही एक हिस्सा है क्योंकि सिर्फ साबुन से अच्छी तरह हाथ धुल लेने से ही कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है। बच्चों में संक्रमण व गंभीर बीमारियों जैसे डॉयरिया, वायरल संक्रमण आदि का खतरा बना रहता है। संक्रमण से बचाव का सही तरीका छह चरणों में ठीक तरह से हाथ धोना है।
यही हमारे बेहतर स्वास्थ्य की ओर एक अच्छी पहल है।
कोरोना के प्रशिक्षक व कुदरहा सीएचसी पर तैनात मेडिकल ऑफिसर डॉ. आफताब रजा का कहना है कि कोरोना संक्रमण के बाद काफी हद तक हाथ की स्वच्छता बनाए रखना हमारे व्यवहार में आया है। सही तरह से हाथ धुलने से हम दस्त, टॉयफॉयड, पेट संबंधी रोग, आँख में होने वाले संक्रमण, त्वचा संबंधी रोग आदि से बच सकते है।
डॉ. रजा का कहना है कि हाथ धुलने का सही तरीका दो मिनट तक साबुन से छह चरणों में हाथ धोना चाहिए। इसमें सबसे पहले सीधे हाथ पर साबुन लगाकर रगड़ना, उसके बाद उल्टे हाथ, इसके बाद नाखून, फिर अंगूठा, उसके बाद मुट्ठी तथा अंत में कलाई धोनी चाहिए। इस तरह हम बीमारियों से बच सकते हैं।
क्या कहते हैं आंकड़े
द स्टेट ऑफ हैंड वॉशिंग की 2016 की वार्षिक रिपोर्ट बताती है कि भारत के ग्रामीण क्षेत्र में 54 प्रतिशत आबादी शौचालय के बाद हाथ धोती है, वही सिर्फ 13 प्रतिशत आबादी खाना बनाने से पहले और 27 प्रतिशत बच्चों को खाना खिलाने से पहले हाथ धोती है। दूसरी तरफ शहरी क्षेत्र में 94 प्रतिशत लोग शौचालय के बाद हाथ धोते हैं, 74 प्रतिशत खाना बनाने से पहले और 79 प्रतिशत बच्चों को खाना खिलाने से पहले हाथ धोते हैं।