Thursday, July 4, 2024
हेल्थ

मेडिकल कॉलेज में मिलने लगी टीबी जांच की सुविधा

बस्ती। मेडिकल कॉलेज बस्ती में भी टीबी के एमडीआर (मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस) रोगियों का इलाज शुरू हो गया है। यहां पर टीबी रोग की जांच की अत्याधुनिक सुविधा मिलने लगी है। रोगियों की जांच ट्रूनॉट मशीन से की जाने लगी है। मेडिकल कॉलेज में यह सुविधा शुरू होने के साथ जहां रोगियों को इलाज में सुविधा मिलेगी, वहीं टीबी रोग को समाप्त करने में बड़ा सहयोग मिलेगा।

मेडिकल कॉलेज में जांच सुविधा शुरू होने के बाद सात लोगों के बलगम की जांच की गई। ओपीडी में आने वाले मरीजों में खांसी, लंबे समय से बुखार, भूख न लगना व लगातार शरीर का कमजोर होता जाना, जैसे लक्षण दिखाई देते हैं तो मरीज के बलगम की जांच कराई जाएगी।

प्राचार्य डॉ. मनोज कुमार का कहना है कि जो भी मरीज ओपीडी में आ रहे हैं, अगर उनमें टीबी के लक्षण मिलते हैं तो उनकी टीबी की जांच कराई जाएगी। इसी के साथ टीबी का रोगी पाए जाने पर उसकी अनिवार्य रूप से एचआईवी व शुगर की भी जांच कराई जाएगी। यहां पर अब ट्रूनॉट जांच की भी सुविधा शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सकों से अपील की गई है कि वह देश से टीबी के खात्मे के लिए शुरू किए गए प्रयास का खुद को हिस्सा मानते हुए टीबी के मरीजों की पहचान व जांच में सहयोग प्रदान करें।

माइक्रोबायोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अमित सिंह ने कहा कि ट्रूनॉट जांच से मरीज के ड्रग रजिस्टेंस होने का पता चल जाता है। ऐसे रोगियों की समय से पहचान होना बहुत जरूरी है। एक बार चिन्हित होने के बाद अगर उनका इलाज शुरू हो जाता है तो उनसे संक्रमण का खतरा नहीं रह जाता है।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एके मिश्र, जिला कार्यक्रम समन्वयक अखिलेश चतुर्वेदी, डीपीटीसी संदीप कुमार, ज्ञान सिंह, पीपीएम अब्दुल सईद, एसटीएलएस मनोज बरनवाल, एलटी मुकेश चौधरी, सुनील यादव, टीबी एचवी जुनैद जमाल और राहुल श्रीवास्तव भी इस अवसर पर प्रमुख तौर पर उपस्थित रहे।

मेडिकल कॉलेज में कल्चर जांच की योजना
मेडिकल कॉलेज बस्ती में जल्द ही टीबी रोगियों के कल्चर जांच की भी सुविधा मिलने लगेगी। अभी तक इस जांच के लिए बलगम का सैम्पल केजीएमयू व आरएमएल संस्थान लखनऊ भेजा जा रहा है। जांच रिपोर्ट आने में एक से तीन माह का समय लग जाता है। स्थानीय स्तर पर यह सुविधा मिलने से जांच रिपोर्ट कम समय में मिलने लगेगी तथा मरीज का इलाज जल्द से जल्द शुरू हो सकेगा। डॉ. अमित सिंह ने बताया कि कॉलेज प्रशासन की ओर से कल्चर लैब की स्थापना का प्रयास किया जा रहा है।