Thursday, May 2, 2024
हेल्थ

फाइलेरिया की दवा खिलाने के साथ मलेरिया के प्रति भी कर रहे जागरूक

छह जून तक चलेगा एमडीए अभियान का माप अप राउंड

गोरखपुर।(गुरुमीत सिंह) जिले में एक जून से फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाने के सामूहिक दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम के माप अप राउंड के साथ मलेरिया रोधी माह भी शुरू हो गया है। माप अप राउंड छह जून तक चलेगा और मलेरिया रोधी माह तीस जून तक मनाया जाएगा । इस समय फाइलेरिया की दवा खिलाने जा रही मलेरिया इंस्पेक्टर की टीम और आशा कार्यकर्ता लोगों को मलेरिया के बारे में भी जागरूक कर रही हैं ।

जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि जो लोग 12 से 27 मई तक चले अभियान में फाइलेरिया से बचाव की दवा नहीं खा पाए थे वह आशा कार्यकर्ता से संपर्क कर दवा का सेवन अवश्य कर लें । यह दवा स्वास्थ्यकर्मी के सामने ही खानी है । इसका सेवन दो वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों (गर्भवती व गंभीर तौर पर बीमार लोगों को छोड़ कर) को खानी है। दवा का सेवन उन लोगों को अनिवार्य तौर पर करना है जिन्हें फाइलेरिया नहीं है । इसी हफ्ते मलेरिया इंस्पेक्टर की टीम ने पुलिस लाइन और ट्रैफिक डिपार्टमेंट में सैकड़ों पुलिसकर्मियों को फाइलेरिया की दवा का सेवन करवाया और साथ ही उन्हें मलेरिया से बचाव की जानकारी भी दी गयी । आशा कार्यकर्ताओं को भी 30 जून तक गैर संचारी रोग स्क्रीनिंग अभियान के लिए भ्रमण कार्यक्रम के दौरान लोगों को मलेरिया के प्रति जागरूकता का कार्यक्रम जारी रखने को कहा गया है ।

श्री सिंह ने बताया कि अपर निदेशक मलेरिया एवं वीबीडीसी के स्तर से प्राप्त पत्र के क्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी वीबीडीसी डॉ एके चौधरी के दिशा-निर्देशन में मलेरिया माह के दौरान जनसमुदाय को मच्छरों (वेक्टर) के प्रजनन स्थल जैसे जल पात्र, कूलर, पानी के टैंक, गमले, पशु-पक्षियों के पीने के पात्र, नारियल के खोल, प्लास्टिक के कप, बोतल, निष्प्रयोज्य सामग्री, टायर आदि की साफ-सफाई व समाप्त करने के व्यवहार के बारे में लोगों को जागरूक करना है। इस माह में ‘‘हर रविवार-मच्छर पर वार’’कार्यक्रम का क्रियान्वयन अत्यंत प्रभावी ढंग से करना है । ग्राम्य स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति के जरिये मलेरिया रोग से बचाव, उपचार और समय से रोगी को संदर्भित करने का प्रयास होगा और अगर छिड़काव हो रहा है तो उसकी सतत निगरानी करने को कहा गया है। आशा और एएनएम को दिशा-निर्देश दिया गया है कि अगर गांव में किसी को मलेरिया के लक्षण दिखें तो सरकारी अस्पताल भेज कर त्वरित जांच और इलाज की व्यवस्था करना सुनिश्चित करें।

*इस बात पर रहेगा जोर*

जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि मलेरिया माह में इस बात पर जोर रहेगा कि मलेरिया की शीघ्र पहचान की जाए और जटिल मलेरिया रोगियों को चिन्हित कर निःशुल्क उपचार के लिए सीएचसी-पीएचसी पर पहुंचाया जाए । मानसून के पहले मलेरिया के साथ-साथ डेंगू से बचाव के लिए खाली पड़े कूलर को साफ करना होगा क्योंकि अगर बिना सफाई कूलर में पानी डाला गया तो चिपके हुए मच्छरों के अंडे से फिर से लार्वा बन सकते हैं और डेंगू का मच्छर जन्म ले सकता है ।