Friday, July 5, 2024
बस्ती मण्डल

लालगंज पुलिस के कारनामे

बनकटी/बस्ती।फर्जी मुकदमों में निर्दोषों को फंसाना, आपराधिक मामलों में अक्सर गलत का पक्ष लेना, रिश्वत लेकर मनमानी करना, और सच को परेशान करना, बेवजह जांच प्रक्रिया को लंबित करना इसके अलावा कई अपराधों की जड़ थानाध्यक्ष स्वयं है।
जानकारी के अनुसार मामला बसौढी गांव के 30 वर्षीय मृतक मालती देवी पत्नी जोखू से संबंधित है।
बता दें जान गंवाने से तीन दिन पहले मालती देवी ने थाना पर स्वयं आकर तहरीर देते हुए बताया था कि अर्जुन नाम के व्यक्ति से प्रेम प्रसंग चल रहा था जिसमें वह गर्भवती हो गई। जब महिला ने प्रेमी से यह बात बताई तो प्रेमी अर्जुन ने उसे अपने घर पर बुलाया तथा घर का फाटक बंद कर स्वयं एवं उसका भाई पवन उसकी पत्नी संगीता ने उसे बुरी तरह से मारा पीटा था। उस समय छुड़ाने वाला कोई नहीं था। बगल का एक परिवार उसे बचाने के लिए सामने आया था तो अर्जुन व उसका भाई पवन ने छुड़ाने वाले को भी 2-3 लाठी मारा था। जिसमें उस महिला के तहरीर पर लालगंज पुलिस ने दूसरे दिन अर्जुन को बुलाकर ₹10000 खुद लिए तथा ₹30000 सुलह- समझौता के नाम पर पीड़िता को दिलवा कर घर भेज दिया। वहां से अर्जुन का भाई एवं उसकी पत्नी संगीता तथा मृतक मालती साथ में घर आए।आने के बाद अर्जुन की पत्नी संगीता ने उसे जबरदस्ती उसी के घर पर ही विषाक्त पदार्थ पिला दिया। अर्जुन को जानकारी होने के बाद सीएचसी अस्पताल बनकटी ले गए वहां से बस्ती से मेडिकल कालेज गोरखपुर ले गए। मृतक के पति जोखू ने बताया कि् मुझसे यह कह कर वहां से भाग लिए की मेरा लड़का छत पर से गिर गया है अभी ठीक हो जाएंगी। आप लेकर के घर चलिए। जाते समय अर्जुन की पत्नी संगीता सुलह- समझौता वाला कागज व रुपए भी उसके ब्लाउज में से निकाल ले गई।
मृतक की मां ने बताया कि घर से 1:00 बजे रात्रि को बसौढी गांव आई। पता चला कि लोग थाने पर गए हैं। वहां पर मुझसे जो कुछ बयान लिया गया उसके सब विपरीत लिखा हुआ है। मेरे बयान को एक सिपाही द्वारा दरोगा साहब ने बैठाकर लिखवाया था। मैं अनपढ़ हूं। जब उनके द्वारा दिया हुआ यह कागज हमने किसी से पढ़ाया तो हक्का बक्का रह गई।
मृतक का पति जोखू के अनुसार पंजाब में रह कर मेनहत मजदूरी करता है। एक 5 वर्ष की लड़की सुंदरी है माता-पिता पहले ही चल बसे हैं। घर में एक छटाक अन्न के दाने भी नहीं है। जानकारी होने पर मालिक से ₹4000 लेकर चले थे जो कि सब अंतिम संस्कार में खत्म हो चुके हैं।
जिसका रो- रो कर बुरा हाल है।