Sunday, May 19, 2024
हेल्थ

छाया ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस कहलाएगा वीएचएनडी

– अपर मुख्य सचिव के निर्देश के बाद कार्यक्रम में हुआ विस्तार

बस्ती । बुधवार और शनिवार को मनाया जाने वाला ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस (वीएचएनडी) अब छाया ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस कहलाएगा। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने पत्र लिखकर इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। पत्र में कहा है कि छाया गोली एक नॉन हार्मोनल दवा है। महिलाएं इसका प्रयोग गर्भ निरोध के लिए करती हैं। इसका महिलाओं के स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है।
जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन कार्यक्रम को लोकप्रिय बनाने के लिए टीकाकरण, पोषण एवं परिवार नियोजन के सभी साधनों की लोगों को जानकारी देकर उनके उपयोग पर बल देने के उद्देश्य से प्रत्येक बुधवार व शनिवार को मनाए जाने वाले ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस में अब गर्भ निरोधक ‘छाया’ गोली को जोड़ते हुए इसे छाया ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस के रूप में मनाया जाएगा। एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के सहयोग से आयोजित होने वाला वीएचएनडी स्वास्थ्य उपकेंद्रों, आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूल आदि पर मनाया जाता है। हर माह के पहले बुधवार को स्वास्थ्य उपकेंद्र पर यह आयोजन किया जाता है। इसके अलावा अन्य आयोजन रोस्टर के अनुसार होते हैं।

वीएचएनडी पर मिलती हैं यह सेवाएं
एसीएमओ आरसीएच डॉ. सीके वर्मा ने बताया कि वीएचएनडी पर गर्भवती और धात्री महिलाओं को परिवार नियोजन की सेवाएं दी जाती हैं। गर्भवती और दो साल तक की उम्र वाले बच्चों का टीकाकरण किया जाता है। दस से 19 साल तक की आयुवर्ग के किशोर-किशोरियों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें आवश्कतानुसार कैल्शियम और ऑयरन की गोलियां दी जाती हैं। गर्भवती का वजन करने के साथ ही उनके गर्भ की जांच, ब्लड प्रेशर और गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य की जांच एएनएम द्वारा की जाती है। बच्चों का वजन कर उन्हें पोषाहार वितरित किया जाता है। कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र के लिए रेफर किया जाता है। किसी गर्भवती या धात्री को यदि जरूरत होती है तो उन्हें सीएचसी अथवा जिला चिकित्सालय के लिए रेफर किया जाता है।

अपर मुख्य सचिव के पत्र में दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुरूप तैयारियां की जा रही हैं। आगामी वीएचएनडी को जिले भर में छाया वीएचएनडी के रूप में मनाया जाएगा।
— डॉ. चंद्रशेखर, सीएमओ, बस्ती

[5/1, 15:01] Sajjad H. T: 28 लाख लोगों को फाइलेरिया से बचाव की खिलाई जाएगी दवा
– घर-घर जाकर दवा खिलाने को 12 मई से चलेगा 15 दिवसीय अभियान
– सभी सीएचसी/पीएचसी पर पहुंचाई गई डीईसी व अल्बेंडाजोल टेबलेट
बस्ती, 1 मई 2022।
फाइलेरिया से बचाव के लिए जिले के 28.80 लाख लोगों को दवा खिलाई जाएगी। इसके लिए 12 मई से एक पखवाड़े का अभियान शुरू होने जा रहा है। इस दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर पहुंचकर अपने सामने लोगों को फाइलेरिया की दवा डीईसी व कीड़े की दवा एल्बेंडाजोल खिलाएंगे। सभी सीएचसी/पीएचसी पर फाइलेरिया की दवा उपलब्ध करा दी गई है।
जिला मलेरिया अधिकारी आइए अंसारी ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत बस्ती सहित प्रदेश के 19 जिलों में मॉस ड्रग एडमिनिस्ट्रिेशन कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम 12 से 27 मई तक चलेगा। इसमें आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को अपने सामने फाइलेरिया व कीड़े की दवा खिलाएंगी। परिवार में अगर कोई सदस्य दवा खाने से छूट जाता है तो उसे बाद में दवा खिलाई जाएगी, दवा परिवार के हाथ में कदापि नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह दवा काफी कारगर है। अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति दवा खा लेता है तो एक साल तक उसके फाइलेरिया रोग से संक्रमित होने की संभावना नहीं रह जाती है। अभियान में कुल 2305 टीम लगाई जा रही हैं, जिसमें 4610 ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर होंगे। 387 पर्यवेक्षक लगाए जाएंगे।

दो साल से ऊपर वालों को देनी है दवा
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि फाइलेरिया की दवा दो साल से ऊपर वालों को खिलानी है। दो साल तक के बच्चों, गर्भवती व अत्यंत बुजुर्ग व बीमार व्यक्ति को दवा नहीं खिलाई जाएगी। दो से पांच साल तक के बच्चों को 100 एमजी की डीईसी, छह से 15 साल उम्र वालों को दो गोली व 15 वर्ष से ऊपर के लोगों को तीन गोली दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि देश से वर्ष 2025 तक फाइलेरिया का खात्मा करना है। यह एक विशेष प्रकार की मादा मच्छर के काटने से फैलता है। एक बार फाइलेरिया का रोग हो जाने पर यह पूरी तरह ठीक नहीं होता है। फील पांव व अंडाशय सूजने की समस्या होती है। रोग से बचाव ही सबसे अच्छा उपाय है।

वर्ष 2020 में चला था अभियान
फाइलेरिया की दवा खिलाने का अभियान इसके पहले 17 फरवरी 2020 से 25 फरवरी तक चला था। इस दौरान जिले में 22.83 लाख लोगों को दवा खिलाई गई थी। डीएमओ ने बताया कि कोविड काल के कारण अभियान स्थगित रहा। एक बार फिर यह अभियान शुरू किया गया है। लोगों को चाहिए कि घर पर पहुंचने वाले स्वास्थ्य कर्मी से दवा लेकर जरूर खाए। आवश्यकता होने पर अपने क्षेत्र की आशा से संपर्क करे।