Saturday, May 11, 2024
क्राइम

हाथरस केस: लखनऊ बेंच ने अफसरों को लगाई फटकार, पूछा- किसी ताकतवर या आपकी बेटी होती तो क्या यही सलूक करते?

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के साथ हुई वारदात केस की सुनवाई सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में हुई। सुनवाई के लिए पीड़ित परिवार को पुलिस सुरक्षा में हाथरस से लखनऊ ले जाया गया। पीड़िता के परिवार का केस निर्भया केस की चर्चित वकील सीमा कुशवाहा लड़ रही हैं। पीड़ित परिवार ने सुनवाई के दौरान अदालत से कहा कि बेटी का अंतिम संस्कार बिना उनकी सहमति के कर दिया गया है। इस पर अदालत ने प्रशासन को फटकार लगाते हुआ कहा कि अगर बेटी किसी ताकतवर शख्स की होती तो क्या आधी रात को पुलिस उसका अंतिम संस्कार कर सकती थी?

पीड़ित परिवार ने अदालत को बताया कि पुलिस प्रशासन ने कुछ गांव वालों की मदद से गोबर के उपले रखवा दिए और अंतिम संस्कार के समय चिता के पास घर का कोई सदस्य नहीं था। सुनवाई के दौरान अदालत में पीड़ित परिवार के अलावे अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश के अवस्थी, डीजीपी एचसी अवस्थी, हाथरस के डीएम और एसपी समेत अन्य आलाधिकारी मौजूद रहे। अदालत में उपस्थित अधिकारियों से न्यायधीश ने यह पूछा कि क्या आपकी बेटी होती तो क्या इस तरह से अंतिम संस्कार होने देते?


वकील सीमा कुशवाहा ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि पीड़ित परिवार ने सीबाआई जांच रिपोर्ट को गोपनीय रखने की मांग की है। बताया कि हमने अदालत से यह निवेदन किया है कि निष्पक्ष जांच के लिए केस को उत्तर प्रदेश से बाहर ट्रांसफर कर दिया जाय। हमने अदालत से तीसरी मांग यह की है कि परिवार को तब तक सुरक्षा दी जाय जब तक केस में फैसला नहीं आ जाता। प्रशासन की तरफ से कोर्ट से कहा गया कि पीड़ित परिवार को पहले से सुरक्षा दी गई है।


उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से केस की पैरवी करने रहे एडिशनल एडवोकेट जनरल वीके शाही ने बताया कि अदालत ने अपना फैसला अभी सुरक्षित रखा है। केस की अगली सुनवाई दो नवंबर को होगी। दो नवंबर को होने वाली सुनवाई में प्रशासन को उन सभी सवालों के जवाब देने हैं जो पीड़ित परिवार ने अदालत से बयां किए हैं। पीड़ित परिवार को अपने