Saturday, May 18, 2024
हेल्थ

सरकारी अस्पतालों व एचडब्ल्यूसी पर मलेरिया की जांच है नि:शुल्क

मलेरिया दिवस आज

– मलेरिया के लक्षण दिखे तो तत्काल अस्पताल में कराएं जांच

बस्ती। चार से आठ घंटे पर बुखार, सिरदर्द, शरीर दर्द, ठंड लगना, पसीना आना और मिचली व उल्टी होना, मलेरिया के लक्षण हो सकते हैं। जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत आशा कार्यकर्ता या स्वास्थ्यकर्मी से संपर्क करें। उनकी मदद से चिकित्सक को दिखा कर उनकी सलाह पर मलेरिया की जांच कराना जरूरी है। समय से जांच व इलाज न होने पर मलेरिया जानलेवा भी हो सकता है। मलेरिया की दवा बीच में कभी भी न छोड़े। जिला स्तरीय अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएची), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स (एचडब्ल्यूसी) पर मलेरिया की जांच नि:शुल्क होती है। यह कहना है सीएमओ डॉ. चंद्रशेखर का।

घातक है मलेरिया का प्रभाव
जिला मलेरिया अधिकारी आइए अंसारी ने बताया कि मलेरिया में परजीवी संक्रमण और लाल रक्तकोशिकाओं के नष्ट होने के कारण थकान की वजह से एनीमिया, दौरा या चेतना की हानी की स्थिति बन जाती है। सेरिब्रल मलेरिया में परजीवी रक्त के जरिए मस्तिष्क तक पहुंच जाते हैं और यह शरीर के अन्य अंगों में भी पहुंच कर हानी पहुंचाते हैं। गर्भावस्था में मलेरिया का होना गर्भवती के साथ-साथ भ्रूण और नवजात के लिए भी खतरा है। यह बीमारी मादा मच्छर एनॉफीलिज के काटने के कारण होती है। संक्रामक मच्छर के काटने के 10 से 14 दिन बाद यह रोग विकसित होता है।

इस साल नहीं मिला है मलेरिया का कोई मरीज
जिला मलेरिया अधिकारी आइए अंसारी ने बताया कि इस साल जनवरी से अब तक मलेरिया का कोई मरीज नहीं मिला है। 4500 स्लाइड जांच सीएचसी/पीएचसी में तथा 253 जांच संचारी रोग माह में हो चुकी है। पिछले साल मलेरिया के चार मरीज मिले थे। 58000 जांच कराई गई थी। उन्होंने बताया कि अप्रैल में बुखार वाले ज्यादा से ज्यादा मरीजों को चिन्ह्ति कर उनकी मलेरिया की जांच कराने को आशा व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों से कहा गया है। उन्होंने बताया कि कोविड काल में दवा के छिड़काव व साफ-सफाई के कारण व्यवस्था में बेहतरी आई है। गांव-गांव एंटी लार्वा के छिड़काव से मलेरिया का फैलाव नहीं है।

ऐसे होता है मलेरिया का फैलाव
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि मलेरिया का मच्छर सामान्यत: शाम और सुबह के बीच काटता है। अगर किसी स्वस्थ व्यक्ति को मलेरिया का संक्रमित मच्छर काटता है तो वह स्वयं तो संक्रमित होगा ही, दूसरे को भी संक्रमित कर सकता है । मच्छर के काटने के बाद इसका परजीवी लीवर के जरिऐ लाल रक्त कोशिकाओं तक पहुंचता है और संक्रमण पूरे शरीर में फैलने लगता है। यह रक्त कोशिकाओं को तोड़ने लगता है। संक्रमित रक्त कोशिकाएं हर 48 से 72 घंटे में फटती रहती हैं और जब भी फटती हैं बुखार, ठंड लगना और पसीना आने जैसे लक्षण भी सामने आते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन का परामर्श है कि गर्भवती को मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में नहीं जाना चाहिए क्योंकि उनमें मलेरिया होने से जटिलताएं बढ़ जाती हैं ।