Monday, July 1, 2024
हेल्थ

एफआरयू पर होगा पीएम सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक का आयोजन

बस्ती। गर्भवती को अब माह में दो बार जांच व इलाज की सुविधा मिलने लगेगी। जिले के सभी फर्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) पर अब हर माह की 24 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक का आयोजन होगा। अभी तक हर माह की नौ तारीख को सभी सीएचसी/पीएचसी पर यह आयोजन हो रहा है। गर्भवती को अब माह में दो बार जांच व इलाज की सुविधा मिल सकेगी। एफआरयू पर आयोजन के लिए मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया है। सीएमओ डॉ. चंद्रशेखर का कहना है कि 24 अप्रैल को रविवार होने के कारण इस माह का आयोजन 25 अप्रैल को होगा। एफआरयू पर आयोजन के लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
जिले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हर्रैया, रुधौली व भानपुर को एफआरयू के तौर पर चिन्ह्ति किया गया है। यहां पर ऑपरेशन आदि की सभी सुविधाएं व प्रशिक्षित चिकित्सक व स्टॉफ मौजूद हैं। मिशन निदेशक के निर्देश के क्रम में अब हर माह की 24 तारीख को इन एफआरयू पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक का आयोजन होगा। गर्भवती को कम से कम एक बार विशेषज्ञ या एमबीबीएस चिकित्सक की देख-रेख में नि:शुल्क प्रसव पूर्व गुणवत्तापरक जांच एवं उपचार की सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
भारत सरकार की अति महत्वपूर्ण यह योजना प्रदेश में 19 मई 2016 से लागू की गई है। अभी तक केवल जिला महिला अस्पताल सहित ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों में ही पीएम सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक का आयोजन हर माह की नौ तारीख को किया जा रहा है। दूसरी व तीसरी तिमाही में आने वाली गर्भवती की जांच की जाती है। अब इसे विस्तारित किया गया है।

इन जांच की मिलती है सुविधा
पीएम सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर अस्पतालों में गर्भवती के पंजीकरण, हाई रिस्क प्रेग्नेंसी वाली गर्भवती का चिन्हांकन, हीमोग्लोबी, एचआईवी, शुगर, सिफलिस की जांच, अल्ट्रासाउंड जांच की निशुल्क सुविधा प्रदान की जाती है। जांच रिपोर्ट के आधार पर उनका इलाज व पोषण की सलाह दी जाती है। गर्भवती को संस्थागत प्रसव के फायदे बताते हुए उन्हें अस्पताल में प्रसव के लिए प्रेरित किया जाता है। एचआरपी के तौर पर चिन्ह्ति गर्भवती को हॉयर सेंटर के लिए रेफर कर सुरक्षित प्रसव कराया जाता है।

आशा की मदद से हुआ बेहतर प्रबंधन
हर्रैया ब्लॉक क्षेत्र के तिनौता निवासी कन्या कुमारी का कहना है कि गर्भवती होने के बाद गांव की आशा स्नेहलता ने 22 जनवरी 2022 को स्थानीय सीएचसी पर उसकी जांच कराई तो चिकित्सक ने बताया कि उसके शरीर में 7.2 ग्राम खून है। ऑयरन शूक्रोज का पांच इंजेक्शन दिया गया। इसी के साथ चिकित्सक की सलाह पर दवा व खान-पान पर ध्यान दिया। सात मार्च 2022 को अस्पताल में सुरक्षित बच्चा पैदा हुआ। बच्चे का वजन तीन किलो था। जच्चा व बच्चा दोनों सुरक्षित हैं।