Tuesday, July 2, 2024
बस्ती मण्डल

मनरेगा मजदूरों की जगह जेसीबी से हो रही है पोखरे का निर्माण

बनकटी/बस्ती।जहां सरकार मनरेगा के तहत गरीबो को दो वक्त की रोटी देने का प्रयास कर रही है। वही गरीबों का निवाला अधिकारियों के लिए अपनी जेब भरने का जरिया बन चुका है। मजदूरों को रोजगार कैसे मिलेगा जब जेसीबी लगाकर ग्राम प्रधान उनके हक पर डाका डाल रहे हैं। जानकारी होने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी केवल जवाबी कार्रवाई करने तक ही सीमित रह जाते हैं। मामला शांत होते ही आईडी व एस्टीमेट तैयार कर भुगतान कर दिया जाता है।
यदि ऐसे दोषियों पर शासन- प्रशासन द्वारा इस विकासखंड की निष्पक्ष जांच हो तो शायद मनरेगा के इस खेल मे करोड़ों का घोटाला सिर्फ एक सत्र में सामने होगा मनरेगा मजदूर रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे हैं। और प्रधान जेसीबी लगाकर उनके हक को छीन रहे है।
यही कारण है कि मजदूरों को वर्ष भर मे सौ दिन का काम नहीं मिल पा रहा है। जिम्मेदारों की मिलीभगत से ग्राम प्रधान ऑइडी व एस्टीमेट तैयार करा लेते हैं। बाद मे अपने द्वारा बनावटी मजदूरों के खाते में भुगतान करा लेते हैं। और वह मजदूर एक दिन का दिहाड़ी देकर सरकार का खजाना खाली कर देता है। जिसमें महंगाई की मार आमजनमानस को झेलना पड़ रहा है।
बनकटी विकासखंड का बीएनटी टीम द्वारा पड़ताल करने पर एक और नया मामला प्रकाश में आया है जो ग्रामपंचायत खरका दलित बस्ती के बगल में जेसीबी मशीन द्वारा दो पोखरा खुदाई से संबंधित है।

ग्रामीणों का कहना है कि जो काम मनरेगा के तहत मजदूरों से कराना चाहिए उस काम को प्रधान जी द्वारा जेसीबी मशीन लगाकर कराया जा रहा है। जिनकी वजह से हम लोग आज की महंगाई में भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं।
तो वही कुछ संभ्रांत लोगों ने कहा कि इस पोखरें की खुदाई से सरकारी धन की बर्बादी भी हो रही है। क्योंकि राजस्व अभिलेखों में वह जमीन जंगल, बंजर व चारागाह के नाम से दर्ज है।
ग्राम प्रधान अनीता देवी के पति रामानंद चौहान जो प्रधान प्रतिनिधि व रोजगार सेवक दोनों हैं पूछने पर बताया की पोखरे की खुदाई का कार्य हमारे द्वारा ही कराया जा रहा हैं। लेकिन इस कार्य में सरकारी धन से कोई लेना देना नहीं है।

अब आगे यह देखना है कि इनके द्वारा कही हुई बातों में कितनी सच्चाई है।

इस संबध में सवाल के जवाब पूछे जाने पर वीडियो धनेश यादव ने बताया कि जेसीबी मशीन द्वारा तालाब खुदाई की जानकारी नहीं है। ग्राम पंचायत में तालाब खोदने का काम जेसीबी से नहीं होना चाहिए था।