Tuesday, May 7, 2024
बस्ती मण्डल

जयन्ती पर समाजवादियों ने निषादों के राजा गुह्य के साथ महर्षि कश्यप को किया नमन्

बस्ती। मंगलवार को समाजवादी पार्टी कार्यालय पर निषादों के राजा गुह्य और महर्षि कश्यप को उनकी जयंती पर याद किया गया।

पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के महामंत्री आर.डी. निषाद ने कहा कि निषाद वंश के ऋंगवेरपुर के राजा गुह्य ने वनवासकाल में श्रीराम राम,सीता तथा लक्ष्मण को अपने नगर में रात्रि विश्राम का आश्रय देने के साथ ही केवटराज से गंगा पार करवाया था। वहीं ऋषि कश्यप का समाज निर्माण में विशेष योगदान रहा। हमें अपने महापुरूषों से प्रेरणा लेनी चाहिये।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये सपा उपाध्यक्ष जावेद पिण्डारी ने कहा कि भारत की गंगा यमुना संस्कृति विविधता लिये हुये है। हमें अपने ऋषियों, मुनियों, विद्वानों के जीवन से प्रेरणा लेनी होगी।
कार्यक्रम में रामशंकर निराला, रामशब्द यादव, डा. कैलाश चन्द्र अरविन्द सोनकर आदि ने निषादों के राजा गुह्य और महर्षि कश्यप के योगदान पर प्रकाश डाला। कहा कि निषादराज निषादों के राजा का उपनाम है। वे ऋंगवेरपुर (वर्तमान-प्रयागराज) के महाराजा थे, उनका नाम महाराज गुहराज निषादराज था। वे निषाद समाज के थे और उन्होंने ही वनवासकाल में राम, सीता तथा लक्ष्मण को अपने सेवकों के द्वारा गंगा पार करवाया था । वहीं सृष्टि के सृजक सप्तऋषि महर्षि कश्यप ब्रह्मा जी के मानस-पुत्र और मरीची ऋषि के महातेजस्वी पुत्र थे। इन्हें अरिष्टनेमी के नाम से भी जाना जाता था। महर्षि कश्यप ऋषि-मुनियों में श्रेष्ठ माने जाते थे। सुर-असुरों के मूल पुरूष मुनिराज कश्यप का आश्रम मेरू पर्वत के शिखर पर था, जहां वे परब्रहा्रा परमात्मा के ध्यान में मग्न रहते थे। उनका अखण्ड तप, अलौकिक ज्ञान, धर्मनिष्ठा, परोपकारिता, अद्भूत तेज आदि समस्त लोकों में गुंजायमान था। सृष्टि की सृजना में महर्षि कश्यप जी का अनूठा एवं उल्लेखनीय योगदान था।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से रामसागर निषाद, पंकज निषाद, संदीप कुमार निषाद, कैलाश निषाद, संदीप निषाद, अशोक कुमार यादव, राजेन्द्र यादव, रामचरित्र यादव, अजीत यादव, जितेन्द्र यादव, संजय कुमार राव, रविकान्त निषाद, रमेश कुमार गौतम, शत्रुघ्न प्रसाद निषाद, पन्ना लाल यादव के साथ ही सपा के अनेक नेता, कार्यकर्ता शामिल रहे।