Tuesday, July 2, 2024
बस्ती मण्डल

पति की मौत के बाद रजनी ने क्राप्ट कला को बना लिया जीवन यापन का माध्यम

नवरात्रि का तीसरा दिन

बस्ती। बस्ती शहर के कटरा चुंगी के पास रहने वाली रजनी चौधरी की शादी 2003 मंे हुई। बीमारी के चलते उनके पति की 2015 मृत्यु हो गई। उनके सामने परिवार को चलाने का संकट खड़ा हो गया लेकिन वे इससे घबराई नहीं बचपन में सीखी क्राप्ट पेंटिंग को अपने जीविका का साधना बना लिया।
रजनी चौधरी बताती हैं कि उनके पति की मृत्यु के बाद ससुराल में उन्हें बच्चों के और खुद के खर्च चलाने में दिक्कत आने लगी तो वे पढ़ाई के दौरान सीखी क्राप्ट कला के जरिए अपना और अपने बच्च्चों का पेट पालने के लिए घर पर ही क्राप्ट पेंटिंग बनाकर उसकी सेल करने लगी। इससे उन्हें अच्छा आय होने लगा। बाद में कई संस्थाओं से जुड़ीं और उसके बाद अम्बेड़कर हस्त शिल्प भारत सरकार वस्त्र मंत्रालय से जुड़ी उससे मेरा अच्छा इनकम होने लगा और मेरा परिवार बेहतर ढंग से चलने लगा। वे कहती हैं कि आज जगह-जगह स्टाल लगाकर रद्दी सामानों से बनाए गए क्राप्ट पेंटिंग का स्टाल लगाती हैं। उससे जो आय होता है उसी से उनके परिवर का खर्च चलता है।
उन्होंने बताया यह भी बताया कि मैंने बहुत संघर्ष किया समाज के आलोचनाओं को भी बर्दाश्त किया। लोग तरह-तरह की बातें करते थे लेकिन मैं इन सबकी बिना परवाह किए अपने लक्ष्य की तरफ लगी रही और आज मुझे एक बेहतर मुकाम हासिल हो सका। आज में बेटियों को निश्शुल्क पेंटिंग और कढ़ाई भी सिखाती हूं ताकि ये बेटियां आगे चलकर भविष्य में किसी के ऊपर निर्भर न रहें। यह खुद आत्मनिर्भर बन सके और अपनी कला से चार पैसा कमा कर अपना खर्च आसानी से चला सकें।