Tuesday, July 2, 2024
अयोध्या मण्डल

अयोध्या कोतवाल देवेन्द्र सिंह का तुगलकी फरमान

अयोध्या।(गंगामणि दीक्षित)।  अयोध्या एक ऐसा नाम जहाँ से एक नई सरकार का गठन हुआ, एक ऐसी पवित्र भूमि जहाँ पे राम ने मानव जीवन मे जन्म लिया और पुरुषों में पुरुषोत्तम कहलाये, जनमानस ने राम को भगवान राम के नाम से संबोधन किया, उसी पावन और पवित्र नगरी में दिनांक 16 मार्च को एक 5 साल की बेटी के साथ बलात्कार होता है और जिला प्रशासन मौन रहता है, समाज सेवी अर्चना तिवारी ने जब छोटी सी गुड़िया के लिए आमरण अनसन पे बैठने का विचार किया तो कोतवाल और देवकली चौकी, साहबगंज चौकी की पुलिस रात को अर्चना तिवारी के घर दबिश देती है और डांटती हुई समझाती है कि आप अनसन नही कर सकते, पुलिस वाले लेडिस का हाथ पकड़ कर जीप में बैठाने की जबरदस्ती करते है, IPC की धारा का उलग्घन वीडियो में देखा जा सकता है, कोतवाल देवेन्द्र कहते है कि अगर 1 आदमी रेप करता है तो हालत खराब हो जाती है उस गुडिया को तीन आदमी रेप नही किये है, इसका मतलब निकलता है कि देवेन्द्र सिंह को रेप करने का काफी पुराना अनुभव प्राप्त है, धर्म की नगरी में आवाज बुलंद करने वाले कम है लेकिन गुड़िया के सपोर्ट में आई अर्चना के साथ जिला प्रशासन का रवैया भी तुगलक के जमाने का है, एक तरफ एक गुड़िया का रेप से केजरीवाल सरकार बना लिए लेकिन अयोध्या की गुड़िया के लिए अभी तक कोई साथ नही आया। न कोतवाल साहेब हटाये गए न नेता मंत्री संतरी कोई देखने तक आया। हां नव निर्वाचित विधायक बेद प्रकाश गुप्ता जी अपने दल बल के साथ द कश्मीर फ़ाइल जरूर देख लिए अयोध्या के सिनेमाहाल में। बिडम्बना ही नही अधर्म के रास्ते पे चल रहे है,।

*जिला प्रशासन कह रही है कि देवेंद्र सिंह जो गलती किए हैं वह आपसे माफी मांग लेंगे और कप्तान साहब आपके घर पुरस्कृत करने के लिए जाएंगे*
और अर्चना का कहना है कि *कोतवाल देवेंद्र सिंह अयोध्या से जाएंगे या तो मेरा प्राण जाएगा वह माफी देने के लायक नहीं है जो अयोध्या जैसी धर्म नगरी में यह बोल रहा हो कि 2 से तीन व्यक्ति किसी बिटिया के साथ रेप करेंगे तो उसकी क्या स्थिति होगी जैसे लगता है कोतवाल साहब का रेप के बारे में बहुत ही ज्यादा अनुभव है अपराधी इनके सामने रेप कर रहा होगा इसीलिए यह अपना अनुभव बता रहे अयोध्या हमारी धर्म नगरी है जो कोतवाल यह बताएं कि एक व्यक्ति रेप करेगा क्या होगा चार व्यक्ति रेप करेगा क्या होगा उसे अयोध्या नगरी में रहने का कोई अधिकार नहीं है।