Saturday, May 18, 2024
क्राइम

पेपर लीक मामले में योगी सरकार के निशाने पर चौथा खंभा, अफ़सरों ने पत्रकारों के सिर पर फोड़ा ठीकरा

 “उत्तर प्रदेश में बार-बार पेपर लीक होने से ऐसा लगता है कि नकल माफ़िया सरकार की पकड़ और सख्ती से बाहर हैं। किन्तु इस प्रकार की गंभीर घटनाओं से प्रदेश की पूरे देश में होने वाली बदनामी के लिए असली कसूरवार और जवाबदेह कौन?”

बलिया। उत्तर प्रदेश बोर्ड की 12वीं की परीक्षा के अंग्रेजी पेपर लीक मामले में किरकिरी होने पर योगी सरकार ने सच उजागर करने वाले चौथे खंभे को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। पारदर्शी तरीके से परीक्षा कराने की जिम्मेदारी जिन अफसरों के ऊपर थी उन्होंने अपना ठीकरा पत्रकारों के माथे पर फोड़ दिया है। लीक और वायरल पेपर छापने पर यूपी के एक बड़े अखबार “अमर उजाला” के कई पत्रकार गिरफ्तार कर लिए गए हैं। इसे लेकर विपक्ष भी अब सरकार पर हमलावर हो गया है।

नकल माफिया गिरोह ने बड़ा खेल करते हुए 12वीं का अंग्रेजी का पेपर एक दिन पहले ही लीक कर दिया, जिसकी परीक्षा 30 मार्च 2022 को होने वाली थी। राज्य के 24 जिलों में अंग्रेजी की परीक्षा रद्द हो चुकी है, जिसकी अगली तिथि 13 मार्च तय की गई है। पेपर लीक मामले में बलिया के जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) ब्रजेश कुमार मिश्र को निलंबित करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। “अमर उजाला” में लीक पेपर छापने वाले स्थानीय पत्रकार अजित कुमार ओझा और उनके तीन अन्य साथियों को भी हिरासत में ले लिया गया। आरोप है कि बलिया जिला प्रशासन सारा आरोप मीडिया के माथे पर मढ़कर अपना कलंक मिटा देना चाहता है। पुलिस के साथ मामले की जांच एसटीएफ कर रही है। डीआईओएस समेत करीब 17 लोगों को हिरासत में लिया गया है।

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, बसपा सुप्रीमो मायावती और आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी संजय सिंह ने परीक्षाओं में भ्रष्टाचार को लेकर योगी सरकार पर कड़ा प्रहार किया है।

यूपी बोर्ड परीक्षा में इंटरमीडिएट के अंग्रेजी विषय की परीक्षा 30 मार्च को दूसरी पाली में होनी थी। दैनिक अखबार “अमर उजाला” के बलिया संस्करण में वह लीक पेपर सुबह ही प्रकाशित कर दिया, जिसकी परीक्षा अपराह्न दो बजे से होनी थी। अंग्रेजी विषय के जो पर्चे लीक हुए थे उनका सीरियल 316 ईडी और 316 ईआई था। इन्हीं पर्चों से यूपी के 24 जिलों में परीक्षाएं होनी थी। “अमर उजाला” ने एक दिन पहले 29 मार्च 2022 को भी हाईस्कूल की संस्कृत की परीक्षा के प्रश्न-पत्र की सॉल्व कॉपी प्रकाशित की थी जो एक दिन पहले ही वायरल हो गई थी। आजमगढ़ मंडल के शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक ने जांच में संस्कृत के प्रश्न-पत्र के आउट होने की बात स्वीकार किया था।