Saturday, May 18, 2024
उत्तर प्रदेश

पीडब्ल्यूडी के सात अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई, प्रदेश सरकार ने दी अनिवार्य सेवानिवृत्ति

लखनऊ। शासकीय कार्य के प्रति लापरवाही बरतने वाले लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के सात अधिशासी अभियंताओं को प्रदेश सरकार ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है। पीडब्ल्यूडी के जिन सात अधिशासी अभियंताओं को सेवानिवृति दी गई है, उनके खिलाफ सेवाकाल के दौरान विभिन्न गड़बड़ियों के आरोप थे। नियम-7 के तहत जांच और कार्य संतोषजनक न पाए जाने के कारण यूपी सरकार ने यह कार्रवाई की है।

विभाग के प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने शुक्रवार को इन अभियंताओं के अनिवार्य सेवानिवृत्ति से संबंधित शासनादेश जारी किया है। बता दें कि शासन की तरफ से जिन सात अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है, उनमें आजमगढ़ में तैनात अधिशासी अभियंता राजेंद्र कुमार सोनवानी और मिर्जापुर में तैनात अधिशासी अभियंता देवपाल के साथ ही एटा में तैनात विपिन पचौरिया, श्रावस्ती में तैनात अधिशासी अभियंता पवन कुमार शामिल हैं। इसी तरह खीरी एनएच विंग के अधिशासी अभियंता गिरजेश कुमार, बलिया के राम केवल प्रसाद, सहारनपुर में तैनात अधिशासी अभियंता मदन कुमार संतोषी को भी अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है। राज्यपाल की अनुमति के बाद अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश जारी कर दिए गए हैं। वहीं, सात अधिकारियों के खिलाफ अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्रवाई से हड़कंप मच गया है। गौरतलब है कि सरकार किसी भी कर्मचारी या अधिकारी को 50 साल की उम्र के बाद तीन माह का नोटिस या उसके बदले वेतन भत्ते देकर सेवानिवृत्त कर सकती है। कमीशनखोरी पर अंकुश लगाने के लिए बनेगी मॉनिटरिंग एंड ऑडिटर अथॉरिटी बता दें भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस पॉलिसी के तहत अब निर्माण योजनाओं में होने वाली कमीशनखोरी पर अंकुश लगाने की तैयारी है। इसके लिए राज्य में निर्माण योजनाओं के लिए अब मॉनिटरिंग एंड ऑडिटर अथॉरिटी का गठन किया जाएगा। यह प्रदेश की निर्माण परियोजनाओं और निर्माण की गुणवत्ता की जांच करेगी। साथ ही यह अथॉरिटी विभागों में टेंडर में घोटाले व जमीनी स्तर पर भ्रष्टाचार पर निगरानी करेगी।