Sunday, June 2, 2024
हेल्थ

ओपीडी के पांच फीसदी मरीजों की टीबी जांच कराएं-सीएमओ

विश्व क्षय रोग दिवस के संबंध में जिला स्तरीय बैठक

गोरखपुर।(गुरूमीत सिंह)विश्व क्षय रोग दिवस 24 मार्च के संबंध में जिला स्तरीय बैठक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आशुतोष कुमार दूबे की अध्यक्षता में एनेक्सी भवन सभागार में मंगलवार को हुई। बैठक के दौरान सीएमओ ने अपील की कि ओपीडी के पांच फीसदी मरीजों की टीबी जांच अवश्य कराएं। स्वयं भी टीबी मरीजों को गोद लें और समुदाय के सक्षम लोगों को टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए प्रेरित करें।

सीएमओ ने बैठक के दौरान टीबी के बारे में विस्तार से जानकारी दी और कहा कि इस बीमारी के प्रति भ्रांतियों को दूर करना होगा और मरीज को प्रेरित करना होगा कि वह दवा का कोर्स पूरा करे। टीबी का नोटिफिकेशन अनिवार्य तौर पर किया जाए।

सीएमओ ने यह भी कहा कि भारत में युवावस्था तक अधिकतरमें टीबी के बैक्टीरिया पाएजाते हैं, लेकिन उपचार उन्हीं के लिए जरूरी हैं जिनमें लक्षण पाए जाते हैं । नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत बीसीजी का टीका प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा देता है, इसलिए टीबी उन्हीं को शिकार बनाती है जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होती है । डायबिटिज, एचआईवी, क्रानिक किडनी डिजीज, प्रेग्नेंसी, कैंसर, पोषण की कमी से रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है । ऐसा देखा गया है कि एचआईवी से ग्रसित 50 प्रतिशत से अधिक मरीज टीबी के कारण ही मरते हैं । एचआईवी एक उत्प्रेरक की तरह काम करता है । एचआईवी मरीजों में टीबी की आशंका बढ़ जाती है और टीबी में भी एचआईवी की आशंका बढ़ जाती है। टीबी की भयावहता को इसी रूप में जाना जा सकता है कि देश में लगभग तीन लाख बच्चे इस बीमारी के कारण हर साल स्कूल जाना छोड़ देते हैं, जबकि एक लाख महिलाएं घर से निकाल दी जाती हैं । टीबी व्यक्ति की दशा, दिशा और दर्शन को बदल देता है । टीबी के कारण हुए कार्यदिवसों के नुकसान से वर्ष 2016 में भारत की एक फीसदी जीडीपी भी प्रभावित हुई ।

इस अवसर पर जिला अस्पताल के एसआईसी डॉक्टर जयशंकर प्रसाद सिंह, महिला अस्पताल के एसआईसी डॉक्टर नरेंद्र प्रताप श्रीवास्तव, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉक्टर रामेश्वर मिश्र, एसीएमओ डॉक्टर एके चौधरी, डॉक्टर एएन प्रसाद, उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉक्टर विराट स्वरूप श्रीवास्तव, डीपीएम पंकज आनंद और पीपीएम अभय नारायण मिश्र प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।