Wednesday, May 15, 2024
साहित्य जगत

हास्य/व्यंग्य ■ बुलडोजर ■

क्या जलवे हैं आजकल तेरे
जय जयकार हो तेरे बहुतेरे।
प्रभु की लीला भी निराली
योगी ब्रांड बुलडोजर की
महिमा जिसने न जानी
उसे याद दिलाया तूने
उन सबको उनकी नानी।
हे बुलडोजर महोदय
हमारी विनती स्वीकार करो
हम पर भी थोड़ी कृपा करो,
मैं साफ साफ कहता हूं
मुझे चुनाव नहीं लड़ना है
पर मुझे मंत्री तो बनवा ही दो,
वैसे तो मैं तुम्हारे मंत्रालय का
मंत्री बनना चाहता हूं,
फिर भी तुम्हें ये ज्यादा लग रहा है
तो कोई बात नहीं,
मगर इतना तो कर ही दो
किसी निगम का अध्यक्ष या फिर
किसी राज्य का राज्यपाल ही बनवा दो।
वैसे भी तुम्हारा क्या भरोसा
कब किसे तुम संवार दो
या फ़िर मिट्टी में मिला दो।
अच्छा है अभी तुम्हारा दिमाग ठीक है
जीत की खुमारी है
जो चाहो करवा दो,
सबसे बड़ी बात
बाबा से पहले मुझे शपथ दिलवा दो
एक लालबत्ती भी दिलवा दो
हे चमत्कारी बुलडोजर
बस यही एक छोटा सा एहसान कर दो।
इतना भी नहीं कर सकते हो तो
अपने बुल्डोजर का चालक ही बनवा दो।

सुधीर श्रीवास्तव

साहित्यकार
गोण्डा (उत्तर प्रदेश)

मोबाइल- 8115285921