Saturday, May 18, 2024
हेल्थ

क्षय रोगियों के मददगार बनेंगे टीबी चैंपियन

-दस टीबी यूनिट से जुड़े चैंपियन के लिए क्षमतावर्धन कार्यशाला, मेंटरशिप और प्लानिंग मीटिंग हुई

गोरखपुर।(गुरूमीत सिंह)जिले के दस टीबी यूनिट से जुड़े क्षय रोगियों के साथ खड़े होकर टीबी चैंपियन इस बीमारी के उन्मूलन की लड़ाई लड़ेंगे । टीबी चैंपियन मरीजों को बताएंगे कि जब वह खुद टीबी से ग्रसित थे तो उन्होंने किस प्रकार उससे मुक्ति पाई? वह मरीजों का संबल तो बढ़ाएंगे ही, साथ ही समुदाय के साथ बैठकें कर भेदभाव (स्टिगमा एंड ड्रिस्किमिनेशन) के खिलाफ जागरूक भी करेंगे। इस संबंध में शहर के एक निजी होटल में फाइंड, यूनाइट टू एक्ट, रीच और वर्ल्ड विजन इंडिया के संयुक्त सहयोग से चैंपियन के लिए क्षमतावर्धन कार्यशाला, मेंटरशिप और प्लानिंग मीटिंग बुधवार को हुई।

टीबी चैंपियन कविता ने बताया कि टीबी मरीज से मिलकर उन्हें बताना है कि यह बीमारी पूरी तरह से ठीक हो सकती है। टीबी की दवा बीच में नहीं छोड़नी है, क्योंकि ऐसा करने से टीबी की जटिलताएं बढ़ जाती हैं। टीबी मरीजों के मानसिक स्थिति का आंकलन कर आवश्यकतानुसार मनोचिकित्सक के पास रेफर करना है।

वर्ल्ड विजन इंडिया संस्था के जिला सामुदायिक समन्वयक शक्ति पांडेय ने बताया कि पिछले दो महीने में खोजे गये नये टीबी रोगियों के बीच जाकर टीबी चैंपियन उनकी मदद करेंगे। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. रामेश्वर मिश्र के दिशा-निर्देशन में उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. विराट स्वरूप और राज्य से आए संस्था के प्रशिक्षक युनूस खान ने 20 टीबी चैंपियंस को प्रशिक्षित किया।

कार्यशाला में जिला क्षय उन्मूलन कार्यक्रम से जुड़े एसटीएस गोबिंद, मयंक श्रीवास्तव और अरशद ने भी प्रतिभाग किया।

*सामुदायिक सहयोग से खत्म होगी टीबी*

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि दो सप्ताह या अधिक समय तक खांसी आना, खांसी के साथ बलगम आना, बलगम में कभी-कभी खून आना, सीने में दर्द होना, शाम को हल्का बुखार आना, वजन कम होना और भूख न लगना टीबी के सामान्य लक्षण हैं । टीबी का इलाज सभी सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क उपलब्ध है।

उन्होंने यह भी बताया कि गैर सरकारी व्यक्ति द्वारा भी टीबी का नया मरीज खोजने में मदद करने पर पांच सौ रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलती है । इतना ही नहीं टीबी मरीज को इलाज के दौरान प्रतिमाह 500 रुपये खाते में निक्षय पोषण योजना के तहत दिये जाते हैं ।

*इन टीबी यूनिट क्षेत्र में होगा काम*

जिला क्षय रोग केंद्र, चरगांवा, भटहट, सरदारनगर, हरनही, सहजनवां, खोराबार, पिपराईच, कैंपियरगंज, पिपरौली