Wednesday, July 3, 2024
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जाति, धर्म की दीवारों को तोड़ मुद्दों के साथ मतदाताओं के दिलों में जगह बना रहे हैं कांग्रेस के बसन्त

बस्ती। सनसनीखेज और शानदार राजनीतिक बयानों के दौर में रोटी, कपड़ा, मकान, रोजगार के मुद्दे पर चुनाव लड़कर जनता का भरोसा जीतना मुश्किल होता जा रहा है। जिस प्रकार से रूधौली विधानसभा क्षेत्र 309 से बसन्त चौधरी ने क्षेत्रीय मतदाताओं, युवाओं, महिलाओं को बहू, बेटियों को जमीनी मुद्दों से जोड़ा उसका असर मतदान से पूर्व दिखने लगा है। शुक्रवार को सल्टौआ, भिऊरा, पड़री, कोठिला, मुड़री, आहर, मंडक, बनरही जंगल, लक्ष्मणपुर, रूदलपुर आदि गांवों में जब बसन्त चौधरी पहुंचे तो मतदाताओं ने उन्हें सिर आंखों पर बिठा लिया। पूर्व विधायक अनूप पाण्डेय ने सल्टौआ में कहा कि लोग सड़कों पर प्रचार कर रहे हैं बसन्त ने समाज के सभी वर्गो के दिलों में जगह बनाया है। चौधरी, ब्राम्हण, दलित, मुस्लिम, यादव के साथ ही जाति, धर्म, क्षेत्र की दीवारों को तोड़ बसन्त चौधरी लगातार आगे बढ रहे हैं। इस बार रूधौली की जनता चौकाने वाला बदलाव करेगी।

क्षेत्र की बेरोजगारी दूर करने, लोगों को शिक्षा और रोजगार से जोड़ने के बड़े संकल्प को लेकर चुनाव मैंदान में उतरे कांग्रेस प्रत्याशी बसन्त चौधरी ने कहा कि उनका एक ही लक्ष्य रूधौली क्षेत्र का समग्र विकास है। जब हर हाथ को काम होगा तो खुशहाली खुद ब खुद सामने आ जायेगी। कहा कि वे चाहते हैं कि विधानसभा क्षेत्र में कोई युवा, बहू, बेटी बेरोजगार न रहे, युवाओं को निःशुल्क तकनीकी शिक्षा देकर उन्हें दक्ष बनाया जाय।जब तक जमीनी धरातल पर काम नहीं होगा बदलाव आना मुश्किल है। कहा कि यदि लोग जाति, धर्म की दीवारों से चिपके रहे तो फिर कोई उद्यमी ऐसा साहस नहीं कर पायेगा। कहा कि यदि आप लोग चाहते हैं कि आपका बेटा छोटी नौकरियों के लिये परदेश जाने को मजबूर न हो, माताओं, बहु बेटियों को घर पर ही स्वरोजगार मिले तो 3 मार्च को अपने बेहतर भविष्य के लिये कांग्रेस के चुनाव निशान हाथ के पंजे पर मतदान करें। यह जीत रूधौली क्षेत्र के मतदाताओं की होगी।
सम्पर्क और सभा में दिनेश शुक्ला, प्रमोद द्विवेदी, ज्योति पाण्डेय, प्रताप नारायण मिश्र, हरिओम पाण्डेय, संजय पाण्डेय, संतोष कुमार तिवारी, विकास त्रिपाठी, कमला त्रिपाठी बब्बू तिवारी, कार्तिकेय त्रिपाठी मुन्ना शुक्ला शिव प्रसाद द्विवेदी बाबा जी लड्डू शुक्ला प्रवीण शुक्ला मुकेश त्रिपाठी जोगिंदर त्रिपाठी के साथ ही बड़ी संख्या में समाज के सभी वर्गो के लोग शामिल रहे।