Tuesday, July 2, 2024
हेल्थ

जेल में निरुद्ध क्षय रोगियों को भी मिलेगा निक्षय पोषण योजना का लाभ

− 167 कैदियों की जांच में तीन में टीबी की पुष्टि

संतकबीरनगर,।जिला जेल में निरुद्ध क्षय रोग ग्रसित बंदियों को भी इलाज के दौरान हर महीने निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपए सीधे बैंक खाते में दिए जाएंगे | उनको जेल में पोषक डायट दी जाएगी तथा उनको अलग सुरक्षित बैरक में रखा जा रहा है। जेल में स्थित अस्पताल के कर्मचारी ही उनको रोज क्षय रोग से सम्बन्धित दवा अपने सामने खिलाएंगे। यह बातें जिला क्षय रोग/ एचआईवी अधिकारी डॉ. एस. डी. ओझा ने बतायीं ।

डॉ. ओझा ने बताया कि जिला कारागार शिफ्ट होने के बाद हमारी टीम ने वहां पर दूसरा कैम्प लगाया है। पहली बार में तो पाजिटिव मरीज नहीं मिले। इस बार टीम ने सोमवार को जब वहां पर कैम्प लगाया तो 167 संभावित कैदियों की क्षय रोग तथा एचआईवी/ एड्स की जांच की गयी। इस दौरान तीन कैदी क्षय रोग से पीड़ित मिले, जबकि कोइ भी एचआईवी पीड़ित नहीं मिला। क्षय रोग के जिला कार्यक्रम समन्वयक अमित आनन्द के निर्देशन में उनके लिए उचित प्रबन्ध जेलर जे. आर. वर्मा से मिलकर कराया गया है।

जिला जेल के कैदियों को जागरुक करने के लिए फार्मासिस्ट गिरिजेश, घनश्याम, सोनल श्रीवास्तव, राजेश श्रीवास्तव, अमित श्रीवास्तव के साथ ही जेल के चिकित्सक डॉ करुणेश दूबे ने विविध गतिविधियों के जरिए कैदियों को जागरुक किया।

क्षय रोग व एचआईवी के प्रति किया जागरुक

कैदियों को एचआईवी की काउन्सलर सोनल श्रीवास्तव ने एड्स के प्रति जागरुक किया। वहीं कविता पाठक ने क्षय रोग के प्रति जागरुक किया। उन्होंने बताया कि यह दोनों ही रोग शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम करते हैं। समय से इलाज न होने पर असाध्य भी हो जाते हैं। इसलिए जरुरी है कि इन रोगों से बचा जाये ।

जिला जेल के चिकित्सक ने बतायी सावधानियां

इस दौरान जिला जेल के चिकित्सक डॉ करुणेश दूबे ने बताया कि इन रोगों से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व लेने की आवश्यकता होती है। अपने शरीर की इम्यूनिटी कमजोर न होने दें। शरीर की इम्यूनिटी कमजोर होने से यह रोग गंभीर रूप ले लेते हैं | क्षय रोग संक्रमण से फैलता है। इसलिए यह जरुरी है कि क्षय रोगी कहीं इधर उधर थूकने से बचें तथा खांसी आने पर अपने मुंह पर रुमाल रखें ताकि इसके जीवाणु इधर उधर न फैलें।

क्या कहते हैं जिला कार्यक्रम समन्वयक

जिला जेल में जांच के दौरान तीन कैदी टीबी पाजिटिव पाए गए हैं। इन सभी कैदियों के लिए जेल में अलग व्यवस्था की गयी है। साथ ही जेल के चिकित्सालय में ही उनकी दवा भी रखवा दी गयी है। अस्पताल के कर्मी अपने सामने ही रोज इनको दवा की डोज देंगे। उनको निक्षय पोर्टल पर पंजीकृत कर दिया गया है। उनके बैंक एकाउंट में सीधे प्रतिमाह 500 रुपए डीबीटी के जरिए भेजे जाएंगे।

ये लक्षण दिखें तो जरुर करा लें जांच – डॉ. एसडी ओझा

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. ओझा ने बताया कि क्षय रोग के लक्षणों में दो सप्‍ताह या उससे अधिक समय से खांसी आना , खांसी के साथ बलगम व बलगम के साथ खून आना , रात में बेवजह पसीना आना और भूख कम लगना, वजन का घटना , बुखार व सीने में दर्द और शाम के समय हल्‍का बुखार होने जैसे लक्षण शामिल हैं ।