Saturday, May 18, 2024
हेल्थ

कुष्ठाश्रम में बांटे गये कंबल, दी जा रही हैं सुविधाएं

-जिले में तीन माह में खोजे गये 45 नये कुष्ठ रोगी

गोरखपुर।कड़ाके की ठंड को देखते हुए जिले के दो अलग-अलग कुष्ठाश्रमों में रहने वाले मरीजों और उनके परिजनों को कंबल वितरित किया गया । मरीजों को अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं । यह जानकारी जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. गणेश प्रसाद यादव ने दी। उन्होंने बताया कि कुष्ठ उन्मूलन के लिए नये कुष्ठ रोगियों की भी पहचान की जा रही है । तीन माह में 45 नये कुष्ठ रोगी खोजे गये हैं ।

जिला कुष्ठ रोग अधिकारी ने बताया कि बाबा राघवदास कुष्ठाश्रम में 13 कुष्ठ मरीज और चंद्रलोक कुष्ठाश्रम में 25 कुष्ठ मरीजों व उनके परिवार समेत 109 लोग रह रहे हैं । इन लोगों के बीच आवश्यकतानुसार 53 कंबल वितरित किये गये । इन केंद्रों पर बेघर या घर से निकाले गये कुष्ठ रोगी वहां की कमेटी द्वारा रखे जाते हैं । केंद्रों के मरीजों को कुष्ठ रोग विभाग निःशुल्क सेल्फ केयर किट, एमसीआर चप्पल, सपोर्टिंग ड्रग्स, दिव्यांग पेंशन, भर्ती कराने की सुविधा, टीकाकरण और यूनिक आई सर्टिफिकेट की सुविधा प्रदान करता है ।

डॉ. यादव ने बताया कि अक्टूबर से शुरू हुए सक्रिय कुष्ठ रोगी खोजी अभियान के तहत लक्षणों के आधार पर 3657 संभावित कुष्ठ रोगी खोजी गये। 20 जनवरी तक की गयी जांच में 45 लोगों में कुष्ठ रोग की पुष्टि हुई। अगर समय से इस बीमारी की पहचान हो जाए और इलाज हो तो यह ठीक हो सकता है । कुष्ठ के पहचान और इलाज में देरी दिव्यांगता का रूप ले लेती है । जिले में 2800 टीम कुष्ठ रोगियों की खोज में जुटी हुई हैं । इस समय स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है, जिसमें लोगों को बीमारी के बारे में जागरूक किया जा रहा है। अभियान में जिला कंसल्टेंट डॉ. भोला गुप्ता, फिजियोथेरेपिस्ट आसिफ, एनएमएस विनय श्रीवास्तव, मधई सिंह सक्रिय सहयोग कर रहे हैं ।

*कुष्ठ रोग के लक्षण*

• शरीर में कोई ऐसा दाग-धब्बा जो सुन्न रहता है वह कुष्ठ रोग हो सकता है।
• यह रोग लैपरी नामक माइक्रो बैक्टीरिया से होता है जो बहुत धीमी गति से इंफेक्शन करता है।
• अगर समय रहते इसकी पहचान हो जाए तो इलाज हो सकता है।
• यह हेल्दी कान्टैक्ट से नहीं फैलता है। इसका इंफेक्शन एक व्यक्ति से दूसरे में तभी होता है जबकि वह 16-18 घंटा प्रतिदिन कई महीनों तक रोगी के निकट संपर्क में रहे।