Sunday, May 19, 2024
हेल्थ

एसबीए प्रशिक्षण से कम होगी मातृ व शिशु मृत्यु दर

– जिला महिला अस्पताल में चल रहा है 21 दिवसीय प्रशिक्षण

बस्ती। एसबीए(स्किल्ड बर्थ अटेंडेंट) प्रशिक्षण के माध्यम से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जाएगी। इसके लिए जिला महिला अस्पताल के हौसला ट्रेनिंग सेंटर में 21 दिवसीय प्रशिक्षण एएनएम व स्टॉफ नर्स को दिया जा रहा है। हर ब्लॉक से दो-दो स्टॉफ का चयन किया गया है। यह वह स्टॉफ हैं, जिनकी तैनाती ब्लॉक के अस्पताल के लेबर रूम में है तथा वह अपने यहां प्रसव का कार्य करा रही हैं।

प्रशिक्षण के नोडल अधिकारी और जिला मातृ सलाहकार राजकुमार ने बताया कि 21 दिवसीय प्रशिक्षण में पांच फरवरी तक पांच दिन थ्यौरी क्लास चलेगा तथा शेष 16 दिन जिला महिला अस्पताल में ही विशेषज्ञ चिकित्सकों व मास्टर ट्रेनर स्टॉफ नर्स द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रसव के समय व प्रसव के बाद होने वाली समस्या कभी-कभी गंभीर हो जाती है, जिससे जच्चा-बच्चा की जान तक जा सकती है। प्रशिक्षण के माध्यम से इसी को न्यूनतम करने का प्रयास किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि प्रसव कराने वाले स्टॉफ के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात होती है, गर्भवती व प्रसूता की वर्तमान हालत का परीक्षण करते हुए संभावित खतरे का आंकलन करना। उसी के अनुसार मरीज को मैनेज करना। प्रसव के 42 सप्ताह तक समस्या होने का डर रहता है। इसके लिए प्रसूता की काउंसिलिंग बहुत महत्वपूर्ण है। प्रशिक्षण वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. ममता रानी, टीएसयू की विशेषज्ञ, महिला अस्पताल की बबिता व सुमन रानी द्वारा दिया जा रहा है। इसके अलावा यूनिसेफ व अन्य संस्थाओं के विशेषज्ञ भी प्रशिक्षण दे रहे हैं।

इन बातों का रखना होगा ख्याल-
– एचआरपी (हाई रिस्क प्रेग्नेंसी) की पहचान करना।
– एचआरपी का सुरक्षित प्रसव कराना।
– गंभीर होने की दशा में समय रहते हॉयर सेंटर के लिए रेफर करना।
– रक्त के बहाव व झटके की समस्या होने पर तत्काल रेफर करना।
– कमजोर व कम वजन के बच्चों की पहचान करना।
– कमजोर व देर से सांस लेने वाले बच्चे को एसएनसीयू रेफर करना।
– महिला व बच्चे के लिए संभावित खतरे की काउंसिलिंग करना।