Wednesday, July 3, 2024
बस्ती मण्डल

श्री बाबा झुंगीनाथ धाम में 8 दिवसीय श्रीराम महायज्ञ

बस्ती। श्री बाबा झुंगीनाथ धाम में 8 दिवसीय श्रीराम महायज्ञ श्रीराम कथा में व्यासपीठ से श्रीराम कथा को विस्तार देते हुये संतोष शरण जी महाराज ने कहा कि श्रीराम कथा सागर के समान है। भगवान शिव ने एक करोड़ श्लोक में यह कथा संसार को दिया है। श्री राम की मर्यादा जीवन में उतारने से रामनवमी का उत्सव पूर्ण होता है। सृष्टि में जब-जब अन्याय, पापाचार बढता है परमात्मा विविध रूपों में अवतार लेते हैं। जहां युद्ध, वैर, स्वार्थ, वासना, विसमता नही है वह स्थान अयोध्या है। सांसारिक विष जब भी जलाने का प्रयास करें तो रामनाम को जप करना चाहिये। भारत कर्म भूमि है इस कर्म भूमि में जैसा कर्म करते है वैसा फल मिलता है।
मार्कण्डेय जी महाराज ने कहा कि रामचन्द्र जी की लीला में मर्यादा और कृष्ण की लीला में प्रेम प्रमुख है। विश्वामित्र द्वारा श्रीराम लक्ष्मण को मांगे जाने के प्रसंग का मार्मिक वर्णन करते हुये कहा कि राजा दशरथ किसी भी स्थिति में श्रीराम और लक्ष्मण को भेजना नहीं चाहते थे ‘‘ देह प्रान ते प्रिय कछु नाही। सोउ मुनि देउं निमिष एक माही।। राजा दशरथ ने बड़ी विनम्रता से कहा ‘‘ राम देत नहिं बनई गुंसाई’’। ज्ञानी पुरूषों को भी भाग्य झेलना ही पड़ता है। श्रीराम, लक्ष्मण विश्वामित्र के साथ चले और यज्ञ में बाधा डाल रहे मारीच, सुबाहु आदि राक्षसों का बध किया।
संतोषी नन्दन पाण्डेय, ने कहा कि संत सदैव दूसरों के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। वे समाज के दुर्गुणों का विषपान कर जगत के सुख शांति हेतु स्वयं को बार-बार कष्ट में डालते हैं। विश्वामित्र जगत के मित्र है। मानव कल्याण और यज्ञ रक्षा के लिये उन्होने श्रीराम लक्ष्मण को माध्यम ही नही बनाया वरन अहिल्या का उद्धार कराकर संत समाज को प्रतिष्ठा दिलाया। राम के चरण रज में ऐसी शक्ति थी कि गुरू आज्ञा से अहिल्या शाप से मुक्त हुई। राम पाप से डरते हैं किन्तु आजकल के लोग पाप से नहीं डरते। पाप और ईश्वर से डरोगे तो मन शुद्ध होगा।
श्रीराम कथा में संयोजक धु्रवचन्द्र पाठक ने विधि विधान से आचार्यगणों का वंदन किया। मुख्य यजमान माता बदल पाठक, रामकेश पाठक, गंगाराम चौधरी, गुड्डू तिवारी, शीतला जी गोसाई, रामकेवल यादव, राजेन्द्र यादव, अनिल पाठक, रामनिहोर चौधरी, शुभम पाठक, बबबू तिवारी, विकास मिश्रा, हीरा दास, गुरु चरण, दामोदर, राम मिलन, बाबा जय प्रकाश दास सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रोता कोविड नियमों का पालन करते हुये उपस्थित रहे।