Monday, July 1, 2024
बस्ती मण्डल

पुरानी पेंशन नीति बहाल किये जाने की मांग को सपा द्वारा घोषणा पत्र में शामिल किये जाने से कर्मचारियों में प्रसन्नता

बस्ती । पिछले 16 वर्षो से पुरानी पेंशन नीति बहाल किये जाने की मांग को लेकर आन्दोलित प्रदेश के लाखों कर्मचारी और कर्मचारी संगठन समाजवादी पार्टी द्वारा पुरानी पेंशन नीति बहाल किये जाने के घोषणा से खुश है। उनका कहना है कि अन्य राजनीतिक संगठनों को भी सपा की तरह अपने घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन नीति बहाल की मांग को शामिल करना चाहिये। शुक्रवार को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की बैठक अध्यक्ष मस्तराम वर्मा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में परिषद पदाधिकारियोें ने कहा कि सपा ने अपने घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन नीति बहाल किये जाने को शामिल करके बड़ा कार्य किया है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष राम अधार पाल एवं जिला मंत्री तौलू प्रसाद ने कहा कि पिछले 16 वर्षो में तीन सरकारें बनी किन्तु किसी राजनीतिक दल ने उनकी मांगों का समर्थन नहीं किया। समाजवादी पार्टी ने पुरानी पेंशन नीति बहाल किये की मांग को अपने घोषणा पत्र में शामिल करके भाजपा, कांग्रेस, बसपा सहित सभी दलोें को आईना दिखाने का काम किया है। पुरानी पेंशन नीति कर्मचारियों के बुढापे की लाठी है जिसे तोड़ दिया गया। राज्य कर्मचारियों की 2005 के बाद की नई पीढी खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है। उन्हें उनका अधिकार मिलना ही चाहिये। बैठक में कलेक्टेªट मिनीस्ट्रीयल कर्मचारी संघ अध्यक्ष अशोक मिश्र, कोषागार कर्मचारी संघ अध्यक्ष अखिलेश पाठक, विकास भवन कर्मचारी संघ महामंत्री ओम प्रकाश, डिप्लोमा इंजीनियर संघ लोनिवि अध्यक्ष ई. अभिषेक सिंह, संभागीय परिवहन कर्मचारी संघ अध्यक्ष सभाजीत पाल, दीवानी न्यायालय कर्मचारी संघ अध्यक्ष अशोक सिंह, आईटीआई कर्मचारी संघ अध्यक्ष उमारमण त्रिपाठी, जिला पंचायत कर्मचारी संघ अध्यक्ष राम शकल यादव, राजस्व संग्रह अमीन संघ अध्यक्ष सन्तोष शुक्ल, ग्राम्य विकास मिनीस्ट्रीरियल संघ अध्यक्ष मुकेश कुमार, सिंचाई संघ अध्यक्ष सुभाष मिश्र, सफाई कर्मचारी संघ अध्यक्ष अजय आर्य आदि ने अपना विचार रखा। कहा कि यदि एक बार सांसद, विधायक बनने के बाद केवल पांच वर्ष की सेवा के लिये जन प्रतिनिधियों को पेंन्शन दिया जाता है तो पूरा जीवन खपा देने वाले राज्य कर्मचारियोें, शिक्षकों को पुरानी पेंशन नीति का लाभ दिया ही जाना चाहिये। राजनीतिक दल अब लम्बे समय तक इस वाजिब मांग को खारिज नहीं कर सकते।
बैठक में मुख्य रूप से धर्मेन्द्र चौधरी, फैजान अहमद, शीतल गुप्ता, सन्तोष राव, दीपमणि शुक्ल, मंशाराम, उमेश वर्मा, सुजीत कुमार, अमरजीत चौहान के साथ ही अनेक कर्मचारी संगठनोें के पदाधिकारी शामिल रहे।