Wednesday, July 3, 2024
बस्ती मण्डल

उच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेश के 6 वर्ष बाद भी 11 तालाबों के भूभाग को अवैध कब्जा धारियों से मुक्त नहीं कराया गया

मुंडेरवा/बस्ती।(सात्विक पटेल) स्थानीय थाना क्षेत्र के ग्राम रामपुर में उच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेश के 6 वर्ष बाद भी 11 तालाबों के भूभाग को अवैध कब्जा धारियों से मुक्त नहीं कराया जा रहा है। जबकि शिकायतकर्ता द्वारा निरंतर माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन का आग्रह किया जा रहा है।

बताते चलें कि ग्राम रामपुर निवासी ओबैदुर्रहमान नें दिनांक 07 दिसंबर 2021 एवं 15 जनवरी 2022 के क्रम में माननीय जिलाधिकारी को भेजें शिकायती पत्र में बताया गया है कि ग्राम रामपुर में 11 तालाब है जिस पर गांव के ही आम लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। जिससे तालाबों का पानी स्वच्छ नहीं रहता है ।और साथ ही साथ तालाबों की साफ-सफाई भी नहीं हो पा रही है। इतना ही नहीं अवैध कब्जा के चलते तालाब का अस्तित्व खतरे में हो गया है। शिकायतकर्ता ने यह भी उल्लेख किया है कि उपरोक्त तालाबों को खाली कराने के लिए मेरे द्वारा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में वाद दाखिल किया गया था जिससे माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने दिनांक 11 अगस्त 2016 को ही आदेश पारित करते हुए अवैध तालाबों को तत्काल खाली कराने का आदेश दिया किन्तु माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद भी उक्त तालाबों पर अवैध कब्जा धारियों ने कब्जा कर रखा कर रखा है। शिकायतकर्ता का यही कहना है कि तमाम अवैध कब्जा धारियों ने तालाब पर अस्थाई निर्माण कर रखा है। जिससे आम जनमानस में गहरा आक्रोश व्याप्त है। शिकायतकर्ता का यह भी कहना है माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद महज कुछ लोगों के खिलाफ 115c की कार्रवाई की की गई। जबकि शेष लोगों को छोड़ दिया गया। शिकायतकर्ता का यही कहना है कि 115 सी कार्रवाई के मामले में सक्षम न्यायालय द्वारा निस्तारित नहीं किया जा रहा है। शिकायतकर्ता ने अबिलंब जनहित में अवैध कब्जा धारियों के विरुद्ध माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के अनुक्रम में प्रभावी कार्रवाई की मांग की है। जिससे एक तरफ माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का पालन हो सके वहीं दूसरी तरफ अबैध तालाबों को आम लोगों के कब्जे से मुक्ति मिल सके। शिकायतकर्ता का कहना है कि यदि शीघ्र ही इस प्रकरण का निस्तारण नहीं किया गया तो माननीय उच्च न्यायालय में कंटेंट दाखिल किया जाएगा जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।