Friday, July 5, 2024
बस्ती मण्डल

आपकी जान ले सकता है सरकारी नमक

बस्ती। गरीबों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने की सरकारी योजना के तहत आपूर्ति किये जा रहे नमक में बालू और मोरंग मिला है। इसको उपयोग करने वाला कुछ ही दिनों में गंभीर बीमारी का शिकार होकर असमय मौत के मुंह में चला जायेगा।

इस सच्चाई को स्वीकार करना आसान नही है, चूंकि “ईमानदार सोच और दमदार काम” को चुनौती देना है।

इसलिये कई जगहों पर एक सामान्य टेस्ट कराया गया। इसे हर कोई कर सकता है और इस चौंकाने वाली सच्चाई तक पहुंच सकता है। जनशिकायतों को गंभीरता से लेते हुयेजांच परख किया गया तो पुरानी बस्ती क्षेत्र में नरहरिया में देखने को मिला

यहां तमाम परिवार निःशुल्क खाद्यान्न योजना का लाभ ले रहे हैं। ज्यादातर घरों में सरकारी नमक मौजूद था। कई लोगों की मौजूदगी में नमक का पूरा पैकेट फाड़कर इसे पानी में डाल दिया गया। चम्मच से पानी चलाया गया जिससे इसमे डाला गया नमक पूरी तरह घुल जाये। इसके बाद इसे बारीक छननी से छाना गया, जो कुछ निकलकर सामने आया उसे देखकर आसपास मौजूद लोगों की आखें खुली रह गयीं। यह ऐसा सच है जिसे लोग आसानी से स्वीकार नही करेंगे।

सरकारी तंत्र और सत्ताभोगी तो बिलकुल नहीं। इस मामले में जिला पूर्ति अधिकारी से बात की गयी, उन्होने कहा नमक की आपूर्ति नेफेड भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ नाम की संस्था भारत सरकार को कर रही है। वही नमक गरीबों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने की योजना के तहत बांटा जा रहा है।

उन्होने कहा मामला गंभीर है, हम इसकी जांच करवाते हैं, आरोप सही साबित हुये तो आपूर्ति रोकवा दी जायेगी।

इसकी आपूर्ति तत्काल नही रोकी गयी तो महीना दो महीना बाद मरने वालों की संख्या कोविड से होने वाली मौतों से ज्यादा होगी अथवा इसके उपभोक्ता खतरनाक बीमारी की चपेट में आ सकते है।

हर पैकेट पर मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री की फोटो छपी है, उनका प्रचार हो रहा है लेकिन लोगों को अपरोक्ष मौत मिल रहा है।

इस नमक की पैकिंग भगवती केमफूड प्राइवेट लिमिटेड नागौर, राजस्थान ने की है। खाद्य सुरक्षा गारण्टी की मुहर लगी है और केवल सरकारी आपूर्ति के लिये है।

इतने बड़े मामले में स्थानीय प्रशासन क्या कार्यवाही करता है यह जानने के लिये इंतजार करना होगा, फिलहाल एक काम आप तुरन्त कर सकते हैं जो आपके वश में है। अपने आसपास इस नमक का प्रयोग तत्काल रोकवा दीजिये और लोगों को असमस मौत से बचाइये।

मीडियाकर्मी इस मामले में और भी जानकारियां जुटा रहे है, ।

सामाजिक कार्यकर्ता सुनील कुमार भट्ट एवं व्यापारी नेता आनंद राजपाल ने कहा मामला बहुत गंभीर है, समाज के प्रबुद्ध लोग चुप नही बैठेंगे। स्थानीय प्रशासन से लेकर सरकार तक लोगों को जवाब देना पड़ेगा। जांच में आरोप सच पाये गये तो पैकिंग करने वाली और आपूर्ति करने वाली संस्थाओं के खिलाफ गंभीर धाराओ में मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही करनी होगी।